डीडीसीए के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर आज कहा कि गंभीर ने डीडीसीए प्रशासक विक्रमजीत सेन, चयन समिति अध्यक्ष अतुल वासन और क्रिकेट मामलों की समिति (सीएसी) के चेयरमैन मदन लाल को संबोधित करते हुए अपने फैसले के बारे में सूचना दी.
उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी अन्य के लिये कप्तानी संभालने के लिये सही समय है, क्योंकि वह सिर्फ खिलाड़ी के तौर पर खेलना चाहते हैं. गंभीर को विजय हजारे ट्रॉफी के पिछले सत्र के दौरान कप्तानी से हटा दिया गया था और युवा ऋषभ पंत को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी थी.
दिल्ली ग्रुप लीग से ही बाहर हो गयी थी और उसके अभियान को सबसे ज्यादा नुकसान गंभीर और कोच केपी भास्कर के बीच तीखी तकरार से हुआ था. अनुशासनात्मक समिति ने गंभीर को सजा भी सुनाई थी और उन्हें चार मैचों के लिये निलंबित कर दिया गया था. प्रदर्शन नहीं दिखाने के बावजूद भास्कर को कोच बरकरार रखा गया, जिससे गंभीर का कप्तान बने रहना मुश्किल ही होता क्योंकि टीम की नीतियों के संबंध में दोनों के विचार विपरीत हैं.
इशांत के चयन के बारे में अधिकारी ने कहा कि इशांत ने 77 टेस्ट मैच खेले हैं और अब उनके सीमित ओवरों के मैचों के लिये चुने जाने की संभावना कम है तो वह सभी ग्रुप लीग के मैचों में उपलब्ध रहेंगे. उन्होंने कहा कि ऋषभ पंत की भारत ए की प्रतिबद्धतायें हैं और उन्मुक्त चंद के भी कई खराब सत्र रहे हैं, इसलिये कप्तानी के लिये उन्हें नहीं चुना जा सकता था. टीम में कई हैरानी भरे नाम भी हैं जिसमें कृणाल चंदेला को विज्जी ट्राफी में उत्तरी क्षेत्र में तिहरे शतक के आधार पर चुना गया था.
टीम इस प्रकार है: इशांत शर्मा (कप्तान), गौतम गंभीर, उन्मुक्त चंद, नीतिश राणा, ध्रुव शौरी, मिलिंद कुमार, हिम्मत सिंह, कृणाल चंदेला, रिषभ पंत (विकेटकीपर), मनन शर्मा, विकास शर्मा, पुलकित नारंग, नवदीप सैनी, विकास टोकस और कुलवंत खेजरोलिया.