प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर पूरे देश को अपने एक फैसले से चौंका सकते हैं। दरअसल खबर है कि पेट्रोल का जीएसटी के दायरे में लाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार आपस में विचार विमर्श कर रही है। इसको लेकर मोदी सरकार में पेट्रालियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान से वित्त मंत्री अरुण जेटली को एक सलाह भी दी है।
अब सवाल ये है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाली जीएसटी काउंसिल क्या पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उस सलाह पर ध्यान देगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमतों को थामने के लिए इन्हें जीएसटी के दायरे में लाना जरूरी है।
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आपको बता दें कि धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट किया था कि पेट्रोलियम पदार्थों की न्यायसंगत कीमतों के लिए इसे जीएसटी के दायरे में लाना ही एक मात्र रास्ता है। बता दें कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें पिछले तीन सालों में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं। पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने से कीमतों में गिरावट आएगी।
बता दें कि पेट्रोल और डीजल के जीएसटी के तहत आने पर कीमतों में बड़ी गिरावट आएगी। जीएसटी में टैक्स की पांच दरें… 0, 5, 12, 18 और 28 फीसदी हैं। लेकिन पेट्रोल और डीजल को 12 फीसदी टैक्स दायरे से नीचे नहीं रखा जा सकता।`
ऐसे में 12 फीसदी टैक्स रेट के हिसाब से दिल्ली में पेट्रोल की कीमतें 38.1 रुपया प्रति लीटर होंगी। जोकि मौजूदा कीमत से 32 रुपया सस्ता होगा। 18 फीसदी टैक्स रेट के मुताबिक दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 40.05 रुपया प्रति लीटर होगा और 28 फीसदी की दर से दिल्ली में इसकी कीमत 43.44 रुपया प्रति लीटर होगी।
अगर जीएसटी के तहत पेट्रोल पर 28 फीसदी टैक्स रेट के ऊपर एसयूवी सेस लगाया जाता है, तो दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 50.91 रुपया प्रति लीटर होगी। जोकि मौजूदा कीमत से 20 रुपया कम होगी।
इसी तरह दिल्ली में डीजल की मौजूदा कीमत 58.72 रुपया प्रति लीटर हैं। 12 फीसदी जीएसटी के मुताबिक इसकी कीमत 36.65 रुपया प्रति लीटर होगी। 18 फीसदी जीएसटी के मुताबिक डीजल 38.61 रुपया प्रति लीटर बिकेगा।
28 फीसदी जीएसटी रेट के मुताबिक डीजल दिल्ली में 48.88 रुपया प्रति लीटर होगा। अगर एसयूवी सेस लगा दिया जाता है तो ग्राहकों को एक लीटर ईंधन के लिए 49.08 रुपया प्रति लीटर देना होगा। जोकि मौजूदा कीमत से 9.64 रुपया सस्ता होगा।
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लेकिन पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने पर राजनीति भी खूब है। जीएसटी एक्ट के मुताबिक पेट्रोलियम उत्पादों को लाने का इसके दायरे में लाने का फैसला केवल जीएसटी काउंसिल ही कर सकती है। ध्यान रहे कि जीएसटी काउंसिल में राज्यों की भी भागीदारी है। ऐसे में पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में लाना टेढ़ी खीर जैसा है।