भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए इस दिन लोग व्रत रखते है. इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु कृपा मिलती रहती है. इस एकादशी के ओर भी कई नाम है. इसको वामन एकादशी, जयझूलनी एकादशी,डोल ग्यारस एकादशी, वामन एकादशी आदि भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु सोते हुए करवट लेते हैं.
आषाढ़, सावन,भादों और आश्विन इन चार महीनों में भगवान विष्णु सोते रहते है. इन्हें चातुर्मास कहा जाता है. चार माह के बाद देवोठनी एकादशी पर ये उठ जाते है. परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु सोते हुए करवट लेते हैं. हिन्दू धर्म को मानने वाले इस दिन को श्राधापुर्वक मनाते है. वामन एकादशी होने के कारण इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की कथा सुनी जाती है.
आज का राशिफल: 2 सितंबर 2017 शनिवार…
पुराणों में लिखा है कि एक बार राजा बलि ने अपने प्रताप के बल पर तीनों लोकों पर अपना अधिकार जमा लिया था. तब भगवान विष्णु ने उसकी परीक्षा ली थी. राजा बलि ब्राह्मणों को किसी भी हाल में निराश नहीं करता था. भगवान विष्णु ने वामन रूप में राजा बलि से तीन पग जमीन देने का वचन ले लिया. समस्त लोकों को भगवान विष्णु ने दो पग में नाप लिया.
अब बलि के पास तीसरे पग के लिए कुछ नहीं बचा था. तो उसने अपना सिर वामन ब्राह्राण के पैर के नीचे रख दिया ताकि उसका वचन पूरा हो सकें. राजा पाताल लोक में समाने लगे. और उन्होंने भगवान विष्णु को अपने साथ ही रहने को कहा. तब विष्णुजी ने पाताल लोक चलाने का वचन दिया था. इसलिए कहा जाता है कि इस दिन उपवास जरुर करना चाहिए.