New Delhi: पृथ्वी गृह पर आज अंतरिक्ष में बेहद खास घटना होने वाली है। तकरीबन सौ साल से धरती की ओर आ रहा क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉयड) आज धरती के बेहद करीब से गुजरेगा। नासा ने बताया कि यह क्षुद्रग्रह धरती से 4.4 मिलियन माइल्स (70 लाख किलोमीटर) की दूरी से गुजरेगा। इस क्षुद्रग्रह के बारे में सबसे पहले 1981 में पता चला था, इसे फ्लोरेंस नाम दिया गया था। इसे 19वीं सदी के विख्यात समाज सेवी और आधुनिक नर्सिंग की स्थापक फ्लोरेंस नाइटएंगल के नाम पर रखा गया था।इस पेड़ की देखभाल पर हर साल खर्च होते है 12 लाख रूपये
बता दें कि धरती के इतने करीब से गुजरने वाले क्षुद्रग्रह का वैज्ञानिक अध्ययन करेंगे, इसका अध्ययन कैलिफोर्निया व पोर्टे रिको जमीन पर स्थित राडार के जरिए किया जाएगा। नासा ने बताया कि यह राडार इस क्षुद्रग्रह की तस्वीर फ्लोरेंस के आकार की सही तस्वीर भेजेगा, जिसके जरिए इसके धरातल की सही जानकारी मिलेगी।
नासा ने यह भी बताया कि 1890 के बाद यह धरती से बेहद करीब से गुजरने वाला क्षुद्रग्रह है। तकरीबन हर 2000 साल में क्षुद्रग्रह जोकि फुटबॉल के मैदान के आकार के होते हैं वह धरती पर टकराते हैं और काफी नुकसान पहुंचाते हैं। लाखों सालों में ऐसा होता है जब बड़े क्षुद्रग्रह आपस में टकराते हैं और धरती की सभ्यता को नष्ट कर देते हैं। लेकिन वैज्ञानिकों को इस बात का भरोसा है कि फ्लोरेंस इतना नहीं है और ना ही धरती को नुकसान पहुंचाएगा।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने बताया कि फ्लोरेंस अबतक का सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह है जो धरती के इतना करीब से गुजरेगा, इसकी तलाश तरकीबन सौ साल पहले हुई थी। यह क्षुद्रग्रह धरती के आसपास का सबसे बड़ा है, इसकी चौड़ाई तकरीबन 2.7 माइल्स यानि 4.4 किलोमीटर है। नासा के सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज़ के मैनेजर पॉल कोडस ने बताया कि फ्लोरेंस से पहले धरती के करीब से कई क्षुद्रग्रह गुजर चुके हैं।