आगरा में दिवाली पर हुई आतिशबाजी के बाद प्रदूषण बढ़ गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) शुक्रवार सुबह खराब कैटेगिरी में है। हवा की गुणवत्ता खराब होने से बुजुर्गों, अस्थमा और हृदय रोगियों को परेशानी हो रही है।
त्योहार पर आगरा में सांसों का संकट बढ़ रहा है। हवा में ‘जहर’ घुल रहा है। बीमार व बुजर्गों के लिए खतरा अधिक है। शुक्रवार को औसत एक्यूआई 200 रहा। लेकिन, पीएम-2.5 और पीएम-10 का अधिकतम स्तर मनोहरपुर, रोहता, ताजमहल, शास्त्रीपुरम व आवास विकास कॉलोनी में मानक से 4.1 गुना तक अधिक रहा।
पिछले कुछ दिनों से शहरी क्षेत्र में हवा में सांस लेने में घुटन हो रही है। आंख और नाक में खुजली व गले में खराश और खांसी से लोग बेहाल हैं। ऐसे में दिवाली पर पटाखों की आतिशबाजी से हवा और खराब हो गई है। उधर, प्रशासन स्तर पर प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। यह स्थिति तब है जब 15 अक्तूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू हो चुका है।
एडीए, पीडब्ल्यूडी, मेट्रो, नगर निगम, जल निगम व यातायात पुलिस सहित विभिन्न विभागों को वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए उपाय करने हैं। उपाय के नाम पर नगर निगम सड़कों पर सिर्फ छिड़काव तक सीमित है।
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