खेत को बनाया तालाब, सीप को बीज और शुरु कर दी मोतियों की खेती और आज है...

खेत को बनाया तालाब, सीप को बीज और शुरु कर दी मोतियों की खेती और आज है…

NEW DELHI: आप सभी लोग ये अच्छी तरह जानते हैं कि भारत में किसानों की क्या हालत है। कहीं किसान आत्महत्या कर रहे हैं तो कई पाई पाई के लिए मोहताज है। लेकिन कुछ किसान हैं, जिन्होंने अपने जीवन में बदलाव कर लिया है।खेत को बनाया तालाब, सीप को बीज और शुरु कर दी मोतियों की खेती और आज है...बाबा रामदेव के पतंजलि को टक्कर देंगे आध्यात्मिक गुरू

ऐसे ही एक किसान हैं राम महाजन, जिन्होंने न सिर्फ़ खेती के मायने बदले, बल्कि उसमें बड़ी वाहावाही भी लूटी। राम महाजन ने मोती की खेती शुरू की है। अपने खेत को तालाब में तबदील कर के उन्होंने मोती बनाने शुरू किए।

इसके लिए उन्होंने पढ़ाई की, प्रशिक्षण लिया और पास की नदी से सीप ला कर मन चाहे आकार के मोती बनाना सीखा। इतना ही नहीं अब उनका मन है कि वो काले मोती की पैदावार भी शुरू करें।

धामनोद जिले में राम महाजन कोई पहले किसान नहीं हैं, जिन्होंने मोती की खेती शुरू की। सबसे पहले यहां भगवान विट्ठल नाम के किसान ने तालाब बना कर इसकी शुरुआत की थी। इन मोतियों को वैज्ञानिक प्रकिया के तहत बनाया जाता है।

लेकिन इस खेती को आसान समझने की गलती न करें। एक मोती को बनने में करीब 14 महीने का वक़्त लगता है। इसमें धैर्य की आवश्यक्ता होती है। किसान बताते हैं कि जितना ज़्यादा समय दिया जाता है, उतनी बेहतरीन क्वालिटी का मोती बन सकता है।

इस विज्ञान को सिखाने के लिए सरकार ने कई मुफ़्त संस्थान खोले हैं। लेकिन उनकी संख्या इतनी ज़्यादा नहीं है। ऐसे में किसान निजी संस्थानों का रुख कर सकते हैं।

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