आम आदमी पार्टी ने गोरखपुर कांड पर योगी सरकार पर हमला बोल दिया है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि ठेकेदार को ऑक्सीजन के लिए पेमेंट न करने के लिए लखनऊ से फोन गया था. दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और आशुतोष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बच्चों की मौत को आपराधिक लापरवाही से किया गया ‘कत्ल’ बताते हुए योगी सरकार से इस्तीफा देने की मांग की है.
पेमेंट न करने के लिए लखनऊ से गया था फोन: सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा, ‘मुझे लगता है कि जो सिस्टम है, हमारा इसमें नेता भी शामिल है और अफसर भी. हर चीज को वे फाइलों के नजरिए से देखते रहते हैं या पैसे के नजरिए से देखते रहते हैं. इस फाइल में पैसा मिला इसे क्लियर कर दो, इस फाइल पर पैसा नहीं मिला, इसलिए मत करो. हमें रिपोर्ट मिल रही है कि लखनऊ से फोन आया हुआ था कि गोरखपुर के ठेकेदार की पेमेंट क्लियर मत करो, क्योंकि इसने रिश्वत नहीं दी है. रिश्वत नहीं पहुंची इसलिए पेमेंट रोक दी गई, ऐसा अखबारों की रिपोर्ट कह रही है.’
उन्होंने कहा, ‘अगर इस वजह से ऑक्सीजन सप्लाई रुकी कि रिश्वत नहीं पहुंची, तो किस ऑफिसर ने कितने दिन फाइल कहां रखी? किस नेता के कहने पर रखी? किस बड़े अफसर के कहने पर रखी? उन सब को नापना चाहिए, उन सब के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. सबको सबक लेना चाहिए और इस तरह के हादसों से सबको सीखना चाहिए. हमने भी अपने अस्पतालों और सभी विभागों की बैठक बुलाई है, ताकि उनसे यह जाना जा सके कि किस विभाग के कौन से महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट भुगतान न होने की वजह से लटके हैं.
दूसरी तरफ सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और आशुतोष ने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला. संजय सिंह ने कहा, ‘बीआरडी मेडिकल कॉलेज से होकर आ रहा हूं, वहां दिमागी बुखार से पीड़ित बच्चों को देखा और वहां दर्दनाक तस्वीर बनी है. बच्चे वेंटिलेटर और ऑक्सीजन के सहारे इलाज करा रहे हैं. घोर लापरवाही की वजह से 5 दिनों में 63 बच्चों की मौत हुई. यह आपराधिक लापरवाही है. जिन्हें चिकित्सा की जानकारी नहीं है, वो भी जानते हैं कि ऑक्सीजन की कमी से जान जा सकती है. ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी समय-समय पर विभाग और सरकार को जानकारी देते रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘बड़ी घटना पर पर्दा डालने की कोशिश हो रही है. भाजपा वाले भावुक होकर लापरवाही खत्म करने का प्रयास करते हैं. योगी आदित्यनाथ जी भावुक हो गए, सिद्दार्थ नाथ और योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई. पुष्पा ऑक्सीजन कंपनी ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, प्रमुख सचिव (मेडिकल) समेत कई जगहों पर 5 अप्रैल को ही पत्र लिखा था. बेईमान और भ्रष्ट मंत्रियों की लापरवाही दिखी. इसी कंपनी ने 9 अगस्त को भुगतान संबंधी आशुतोष टंडन को पत्र लिखा. 6 महीने तक कंपनी ने अलग-अलग माध्यमों से बताया कि पेमेंट कर दीजिए, अन्यथा ऑक्सीजन सप्लाई मुश्किल हो जाएगी.’
उन्होंने कहा, ‘गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में जो हुआ वह हादसा नहीं बल्कि आपराधिक लापरवाही से किया गया कत्ल है.’
योगी को पद पर रहने का अधिकार नहीं
आम आदमी पार्टी नेता आशुतोष ने कहा, ‘योगी सरकार को अब पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा देना चाहिए नहीं तो जनता उनके खिलाफ उठ खड़ी होगी.’
मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘पॉलिटिकल लीडरशिप को सोचना पड़ेगा कि आपकी नाक के नीचे फाइलें रुकी हुई हैं. पैसा नहीं मिल पा रहा है तो क्यों नहीं मिल पा रहा है. रिश्वत की वजह से नहीं मिल पा रहा है या लालफीताशाही की वजह से नहीं हो रहे या असंवेदनशीलता है. दिल्ली के अस्पतालों में हम बार-बार जाते रहते हैं. सुरक्षा और नौकरशाही के तामझाम लेकर नहीं जाते हैं. हम आम आदमी से, अस्पताल के प्रशासन से उनकी समस्याओं से बात करते हैं और वहां अपना सोफा लेकर नहीं जाते हैं.’