स्नैपडील की सहयोगी ई-वॉलेट ऐप फ्रीचार्ज को ऐक्सिस बैंक खरीद रहा है. इस अधिग्रहण के लिए 385 करोड़ रुपये की डील तय हुई है.
पिछले कुछ महीनों से ई-कॉमर्स वेबसाइट स्नैपडील के बुरे दिन चल रहे हैं. अधिग्रहण की खबरें लगातार आ रही हैं. इसी बीच कल खबर आई कि फ्लिपकार्ट के 950 मिलियन के अधिग्रहण ऑफर को स्नैपडील ने मान लिया है.
अब स्नैपडील अपने मोबाइल ट्रांजैक्शन ऐप को बेच रही है. आपको बता दें कि ऐक्सिस बैंक भारत का तीसरा बड़ा प्राइवेट बैंक है. रिपोर्ट्स के मुताबिक यह कैश डील होगी.
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हैरान करने वाली बात यह है कि स्नैपडील की पेरेंट कंपनी जैस्पर इनफोटेक ने 2015 में फ्रीचार्ज का अधिग्रहण 2,400 करोड़ रुपये में किया था. तब इसे भारत के किसी स्टार्टअप का दूसरा सबसे बड़ा अधिग्रहण था. 8 अप्रैल 2015 को इसका ऐलान हुआ था और लगभग दो साल में अब इसी कंपनी को स्नैपडील ने सिर्फ 385 करोड़ रुपये में बेच दिया.
ऐक्सिस बैंक के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर शिखा शर्मा ने कहा कि इस करार पर हस्ताक्षर कर दिया गया है और यह डील प्राइवेट बैंक के स्ट्रैटिजी के तौर पर काफी महत्वपूर्ण है.
ऐक्सिस बैंक के चीफ फिनांसियल ऑफिसर जयराम श्रीधरन ने कहा है कि यह अधिग्रहण बैंक के कस्टमर बेस को डबल कर सकता है और यह डिजिटल जर्नी में छलांग की तरह है.
श्रीधरन ने उम्मीद जताई है कि इस डील के लिए रेग्यूलेटरी क्लियरेंस दो महीनों में मिल जाएगा . इसके बाद बैंक फ्रीचार्ज वॉलेट बिजनेस को अपने बिजनेस में मिला लेगा.
गौरतलब है कि फ्रीचार्ज का मौजूदा रेवेन्यू लगभग 80 करोड़ रुपये का है.