अपने से बड़ी प्रतिद्वंद्वियों पिरामल और जेएसडब्ल्यू को पीछे छोड़कर सालभर पहले 1.4 अरब डॉलर में लफार्ज का इंडियन सीमेंट पोर्टफोलियो खरीदने वाला निरमा अब अमेरिका में एक अधिग्रहण करने की राह पर है।
ग्रीन रिवर, वायोमिंग की कंपनी ट्रोनॉक्स एल्कली को खरीदने की होड़ में निरमा मजबूत दावेदार के रूप में उभरा है। ट्रोनॉक्स दुनिया में सोडा ऐश का चौथा बड़ा उत्पादक है। सूत्रों ने बताया कि निरमा उसे 1.5-2 अरब डॉलर में खरीद सकता है। अगर निरमा सफल रहा तो 48 साल की इस कंपनी के इतिहास में यह सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा और इससे एकबारगी यह वैश्विक मंच पर एक बड़ी ताकत बन जाएगी।
एक एग्जिक्यूटिव ने बताया, ‘निरमा ने विस्तार से जांच-परख करने के बाद बाइंडिंग ऑफर दिया है। उसकी टीम हाल में अमेरिका में थी। वह दूसरी बार इस एसेट पर गौर कर रही है, लिहाजा इस बार बहुत गंभीरता दिख रही है। होड़ में वह अकेली भारतीय कंपनी है।’
सोडा ऐश यानी सोडियम कार्बोनेट का उपयोग मुख्य रूप से ग्लास, डिटर्जेंट और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज में होता है। निरमा भारत में सबसे बड़ा सोडा ऐश उत्पादक है।
उसके बाद टाटा केमिकल्स और गुजरात हेवी केमिकल्स लिमिटेड का नंबर है। न्यूयॉर्क शेयर बाजार पर लिस्टेड ट्रोनॉक्स ने फरवरी में एल्कली केमिकल्स बिजनस बेचने का निर्णय किया था।
दो साल पहले उसने इसे खरीदा था। फरवरी में उसने Cristal TiO2 को खरीदने का समझौता करने का ऐलान किया था। Cristal TiO2 दुनिया में टाइटैनियम डाईऑक्साइड की दूसरी बड़ी उत्पादक है। ट्रोनॉक्स एल्कली को बेचने से मिले पैसों का इस्तेमाल क्रिस्टल की खरीद में किया जाएगा। क्रिस्टल एक ग्लोबल कैमिकल और माइनिंग कंपनी है। ट्रोनॉक्स ने कहा था कि उसे 1.673 अरब डॉलर नकद और क्लास ए ऑर्डिनरी शेयरों से खरीदा जाएगा।
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