बिहार: बापू के परपोते तुषार गांधी 12 जुलाई से चंपारण सत्याग्रह की याद में पदयात्रा कर रहे। इसी के तहह वह तुरकौलिया के ऐतिहासिक नीम के पेड़ के पास पहुंचे थे। लेकिन, स्थानीय जन प्रतिनिधि ने उनके साथ अभद्रता की। इस घटना का अब वीडियो भी वायरल हो रहा है।
पूर्वी चंपारण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी के साथ हुए दुव्यवहार को लेकर सियासत शुरू हो गई है। अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी ने इस मुद्दों को उठाया है। तेजस्वी यादव ने पूरे बिहारवासियों की तरफ से तुषार गांधी से माफी मांगी है। कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी और उनके विचारों एवं दर्शन का अनुयायी होने एवं देश की आजादी में उनके योगदान, समर्पण, त्याग व बलिदान के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए मैं समस्त बिहारवासियों की ओर से तुषार गांधी जी से हाथ जोड़कर माफ़ी मांगता हूं। आशा है वो हमें माफ कर देंगे।
राजद ने भाजपा पर लगाया आरोप
वहीं राष्ट्रीय जनता दल ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया। कहा कि इस घटना के बाद भाजपा के नेता का हाथ है। वीडियो में वह तुषार गांधी का अपमान करते हुए स्पष्ट दिख रहे हैं। उन्हें कार्यक्रम से निकलने कह रहे हैं। उनके साथ अभद्रता कर रहे हैं। राजद ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण में एक कार्यक्रम के दौरान उनके परपोते तुषार गांधी जी के साथ स्वयं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति का बताकर एक भाजपाई नेता ने अपमान किया। बापू के परपोते के साथ ऐसा व्यवहार खेदजनक है।
जानिए, तुषार गांधी ने क्या कहा
बताया जा रहा है कि तुषार गांधी 12 जुलाई से चंपारण सत्याग्रह की याद में पश्चिम चंपारण से पदयात्रा पर निकले हैं। रविवार को वे अपनी यात्रा के क्रम में तुरकौलिया के ऐतिहासिक नीम के पेड़ के पास पहुंचे थे, जहां महात्मा गांधी ने कभी किसानों के हक में आवाज बुलंद की थी।लेकिन कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते ही स्थानीय मुखिया विनय साह द्वारा उन्हें कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया। इस घटना को लेकर तुषार गांधी ने गहरा आक्रोश जताया और कहा, “चंपारण में लोकतंत्र की हत्या हुई है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह न सिर्फ उनका, बल्कि महात्मा गांधी की विरासत और विचारों का अपमान है।