यूपी की राजधानी और अवध के सांस्कृतिक केन्द्र लखनऊ में अब सफर करने का तरीका बदल रहा है। नवाबी तहज़ीब और स्वादिष्ट खाने के लिए मशहूर यह शहर अब सेल्फ ड्राइव कार सर्विस की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। जहां पहले लोग टैक्सी या ड्राइवर के साथ कार बुक करना पसंद करते थे, अब वहीं युवा और परिवार खुद गाड़ी चलाकर घूमने को तरजीह देने लगे हैं।
ट्रैवल से जुडे लोग बताते हैं कि इसकी सबसे बड़ी वजह लखनऊ से प्रदेश के सभी भागों में जाने के लिए वर्ल्ड क्लास की सडकों का जाल है। साथ अपनी मर्जी से ट्रैवल कर करे अपने परिवार या दोस्तों के साथ ज्यादा निजी अनुभव का है। ड्राइवर रहने से उसके रुकने और खाने के इंतजाम से फ्री और साथ में अपनी निजी समय को निजी बनाए रखना है।
लखनऊ और उसके आस-पास के इलाकों जैसे कि अयोध्या, नैमिषारण्य, दुधवा नेशनल पार्क आदि में घूमने के लिए लोग अब अपना समय और रूट खुद तय करना पसंद करते हैं। सेल्फ ड्राइव कार से वे कहीं भी रुक सकते हैं, खाना खा सकते हैं, फोटो खींच सकते हैं — वह भी बिना किसी ड्राइवर के दबाव के।
Zoomcar, Revv, Hyredo जैसे सर्विस प्रोवाइडर्स अब लखनऊ में भी एक्टिव हो गई हैं। अब कुछ ही क्लिक में कार आपके दरवाज़े पर उपलब्ध हो सकती है — वो भी घंटे, दिन या हफ्ते के हिसाब से। https://hyredo.com के फाउंडर बताते हैं कि लखनऊ के कॉलेज स्टूडेंट्स, यंग प्रोफेशनल्स और स्टार्टअप कल्चर से जुड़े लोग अब वाहन खरीदने के बजाय “पे-एज़-यू-गो” मॉडल को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। उन्हें कार की ज़रूरत होती है, लेकिन मालिकाना हक नहीं।
Hyredo.com के फाउंडर बताते हैं कि लखनऊ में सेल्फ ड्राइव कल्चर सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि एक नया लाइफ स्टाइल बते जा रहा है। जैसे-जैसे शहर स्मार्ट बन रहा है, वैसे-वैसे लोग स्मार्ट ट्रैवल विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं। आने वाले समय में इलेक्ट्रिक सेल्फ ड्राइव कार, स्मार्ट रूट मैपिंग, और AI-आधारित कार सुरक्षा सिस्टम भी आम हो सकते हैं।
लखनऊ के लोग अब सिर्फ मंज़िल नहीं, बल्कि रास्ते का भी आनंद लेना सीख रहे हैं। सेल्फ ड्राइव कार सर्विस न सिर्फ यात्रा को आसान बनाती है, बल्कि एक नया अनुभव भी देती है — जिसमें आप हैं, आपकी मर्ज़ी है और खुली सड़कें हैं।