सीरिया में बशर अल-असद के शासन के अंत के साथ ही उस देश का झंडा भी बदल गया। विद्रोहियों ने सीरिया का 44 साल पुराना झंडा बदल दिया।
सीरिया में हर तरफ हरा-सफेद-काला और तीन लाल सितारे रंग वाले झंडे लहराए जा रहे हैं। असद शासन में यह झंडा विद्रोहियों का प्रतीक हुआ करता था, जो आज के समय सीरिया का राष्ट्रीय ध्वज बन चुका है।
कैसा है विद्रोहियों का झंडा?
पुराने और नए झंडे में ज्यादा अंतर नहीं है। विद्रोहियों के झंडे में भी चार रंग हैं। झंडे में हरे, सफेद और काले रंग की पट्टियां दी गई हैं, वहीं, सफेद पट्टी में 2 हरे सितारों की जगह तीन लाल सितारे नजर आ रहे हैं। दुनिया में मौजूद सीरिया के दूतावास में भी नए झंडे का इस्तेमाल किया जा रहा है।
दिल्ली में स्थित सीरिया के दूतावास ने भी अपना पुराना झंडा निकालकर अब विद्रोहियों का झंडा लगा दिया है। दूतावास के इस कदम से पता चलता है कि भारत में सीरिया के राजनयिकों ने विद्रोही गुट की सरकार को मान्यता दे दी है। इससे पहले सऊदी में मौजूद सीरिया दूतावास में भी नए झंडे को लगाया गया। बर्लिन, इस्तांबुल और एथेंस जैसे शहरों में भी विद्रोहियों का झंडा लहराया जा रहा है।
विद्रोहियों के झंडे से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बात
हरा रंग: आशा और आजादी को दर्शाता है।
सफेद रंग: शांति और अच्छे भविष्य को दर्शाता है।
काला रंग: सीरिया के लोगों ने जो मुश्किलों का सामना किया उसे दर्शाता है।
तीन लाल सितारे: सीरिया क्रांति के बारे में दर्शाता है।
साल 2011 से सीरिया में चल रहा था संघर्ष
सीरिया में 2011 में विद्रोह शुरू हुआ था, जब असद सरकार ने लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों को क्रुरता से दबा दिया था। यह संघर्ष धीरे-धीरे गृहयुद्ध में बदल गया, जिसमें असद सरकार के खिलाफ कई विद्रोही गुट एकजुट हो गए। आखिरकार, 13 साल के इस संघर्ष ने असद शासन को झुका दिया। विद्रोही गुटों ने दमिश्क पर कब्जा कर न केवल असद सरकार को उखाड़ फेंका, बल्कि सीरियाई जनता को एक नई शुरुआत का मौका दिया है।
जब विद्रोहियों ने सीरिया पर कब्जा किया तो बशर अल-असद अपने काफिले के साथ रूस भाग गए। राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हें और उनके परिवार को शरण दी है।