नई दिल्ली। कैलाश मानसरोवर यात्रा-2016 के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। आवेदन विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर किया जा सकता है।
यात्रा 12 जून से शुरू होगी, जो 9 सितंबर 2016 तक लिपुलेख तथा नाथूला के रास्ते जाएगी। आवेदक की आयु सीमा 18 से 70 वर्ष होनी चाहिए।
मानसरोवर भगवान भोलेनाथ का स्थान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार यहां महादेव साक्षात निवास करते हैं। अनेक पौराणिक कथाओं में इस स्थान का उल्लेख किया गया है। यहां प्रायः हर माह बर्फ गिरती है।
यह पर्वत बर्फ की चादर से लिपटा हुआ बहुत सुंदर लगता है। यह अनेक ऋषि, महात्मा, दार्शनिक और श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र रहा है। यह पर्वत शिव का साक्षात स्वरूप माना जाता है। कहते हैं कि यह सृष्टि के प्रारंभ से ही यहां विद्यमान है।
यहां ध्वनि और प्रकाश का एक विशेष कोण से संगम होता है जिससे ऊं की प्रतिध्वनि होती है। इसे ध्यान के जरिए सुना जा सकता है।
बौद्ध धर्म के लिए भी यह स्थान बहुत पवित्र है। यहां बुद्ध के पवित्र रूप डेमचौक की खास महिमा है। धार्मिक मान्यता है कि यहां बुद्ध के अलावा जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भी आए थे और उन्हें निर्वाण की प्राप्ति हुई थी।
मानसरोवर एक विशाल झील है। यह लगभग 320 वर्ग किलोमाटर क्षेत्र में फैली हुई है। इसकी उत्तर दिशा की ओर कैलाश पर्वत व पश्चिम में राक्षस ताल स्थित है। समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 4,556 मीटर है।
हिंदू ग्रंथों के अनुसार यह झील सबसे पहले भगवान ब्रह्मा के मन में उत्पन्न हुई थी। यह मानस तथा सरोवर शब्द के मिलने से बनी है। इसका तात्पर्य है- मन का सरोवर।
कहा जाता है कि यहां देवी सती का दायां हाथ गिरा था। यहां शक्तिपीठ भी स्थित है। झील के तट पर अनेक प्राचीन मठ हैं। यहां प्राचीन काल में विभिन्न ऋषियों-महात्माओं ने तपस्या की थी।