मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में हमले में घायल पति की मौत के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ ने मृतक की पत्नी से बेड पर लगा खून साफ कराया। पीड़िता पांच महीने की गर्भवती थी, उसके पति की मौत हो चुकी थी। परिवार के दो सदस्य पति से कुछ पहले ही दम तोड़ चुके थे। इसके बाद भी स्वास्थ्य केंद्र प्रबंधन ने मानवता नहीं दिखाई। अब अस्पताल का बेड साफ करती महिला की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं।
दरअसल, यह पूरा मामला डिंडौरी जिले के गाड़ासरई थाना क्षेत्र के लालपुर गांव में एक नंवबर की शाम हुए जमीनी विवाद से जुड़ा है। जमीन विवाद को लेकर एक पक्ष ने पीड़ित परिवार पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। हमले में पिता समेत उसके तीन बेटों को आरोपियों ने बुरी तरह पीटा और धारदार हथियार से वार कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। हमले में घायल बुजुर्ग पिता और उसके एक बेटे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो भाइयों शिवराज और रामराज को गंभीर हालत में गाड़ासरई के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। खून से लतपथ शिवराज का स्वास्थ्य केंद्र में पड़े एक बेड पर लेटाकर इलाज किया जा रहा था, इस दौरान उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद उसकी पांच महीने की गर्भवती पत्नी से उसी बेड को साफ कराया गया, जिस पर कुछ देर पहले शिवराज की मौत हो हुई थी।
डॉक्टर और स्टाफ को नोटिस जारी
मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले के अस्पताल में मृतक की पत्नी से बेड साफ कराने की तस्वीरें सोशल वायरल पर वायरल होने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिला प्रशासन ने इस घटना को बड़ी लापरवाही माना और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर समेत पूरे स्टॉफ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
अमानवियता पर प्रबंधन क्या बोला
पति की मौत के बाद उसकी पत्नी से हुई अमानवियता को लेकर अस्पताल प्रबंधन पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से सभी को नोटिस भी जारी किया गया है। अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर चंद्रशेखर टेकाम ने घटना को लेकर कहा कि गर्भवती महिला से बेड सफाई कराने जैसी कोई शिकायत नहीं मिली है। महिला ने सबूत जुटाने के लिए बेड पर बिखरे खून को कपड़े से समेटा था।
तीसरे बेटे की हालत गंभीर
हमले में गंभीर रूप से घायल हुए राजाराम का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। हमले में वह भी गंभीर रूप से घायल हुआ है। उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। इधर, इस ट्रिपल हत्याकांड में पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है, जिनसे घटना को लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस मामले में फरार चल रहे आरोपियों की तलाश में भी जुटी हुई है।