ऋण देने के नाम पर साइबर ठगी: गिरोह के सरगना सहित दो गिरफ्तार

हाथरस थाना साइबर पुलिस ने ऋण देने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन्होंने मंत्रा फाइनेंस सर्विस के नाम पर वेबसाइट और एप बनाया हुआ है। जॉब एप पर आवेदन करने वाले बेरोजगार युवकों को वेतन के साथ कमीशन देने का लालच देकर फंसाते और उनके जरिये ऋण लेने के इच्छुक लोगों से फाइल चार्ज के नाम पर रकम खाते में डलवा लेते थे। पुलिस का कहना है कि उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार और असम में भी यह गिरोह ठगी कर चुका है। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।

गिरफ्तार आरोपियों में सुमित पाल पुत्र वेदपाल सिंह निवासी कैडी, थाना बाबरी जिला शामली और महताब अली पुत्र अब्दुल वहीद निवासी महपा चौपला, सिवाल खास थाना जानी मेरठ का रहने वाला है। इनके फरार साथी का नाम जुबेर निवासी गाजियाबाद बताया जा रहा है। सुमित इस गिरोह का मास्टरमाइंड है।

गत 23 अक्तूबर को गांव गढ़ उमराव निवासी दीपक ने साइबर थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने बताया था कि जून 2024 में इनडीड जॉब एप पर नौकरी के लिए आवेदन किया था। एक जुलाई को उसे एक महिला का फोन आया और उसने बताया कि वह मंत्रा फाइनेंस सर्विस कंपनी गुड़गांव के एचआर डिपार्टमेंट से बात कर रही है। उसने दीपक को 25,500+3000(पेट्रोल हेतु) प्रतिमाह का वेतन और ऋण कराने पर एक प्रतिशत कमीशन देने की बात कही थी। बाद में डाक से उसे नियुक्ति का पत्र, आईडी और कार्ड प्राप्त हुए।
दीपक ने 11 लोगों को कंपनी से एक से पांच लाख रुपये तक ऋण दिलाने का आश्वासन दिया और उनसे फाइल चार्ज के नाम पर 56,900 रुपये यूपीआई के माध्यम से कंपनी के खाते में डाल दिए। किसी का भी ऋण स्वीकृत नहीं हुआ तो उसे शंका हुई और उसने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।

एसपी हाथरस निपुण अग्रवाल ने बताया कि सर्विलांस और थाना साइबर पुलिस ने 26 अक्तूबर को सुमित और महताब को रुहेरी तिराहे से गिरफ्तार किया है। इन्होंने कितने लोगों से ठगी की, इसकी जांच की जा रही है। उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार और असम में भी ठगी करने की बात सामने आ रही है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से एक लैपटॉप, नौ मोबाइल फोन, दो चार्जर, दो डोंगल, 10 एटीएम कार्ड, 11 सिम, मोहर, आधार कार्ड, मंत्रा फाइनेन्स कम्पनी से सम्बन्धित प्रपत्र, सात आई कार्ड और 40500 रुपये बरामद हुए हैं।

सभी कुछ था फर्जी…एक लैपटॉप से चलाई जा रही थी कंपनी
मंत्रा फाइनेंस सर्विस के नाम से फर्जी पते पर कंपनी बनाई गई थी। एक लैपटॉप और फर्जी नाम और पतों पर सिम लेकर लोगों के साथ ठगी की जा रही थी। एक लैपटॉप और मोबाइलों के जरिये साइबर फ्राड का यह धंधा चल रहा था।

पुलिस पूछताछ में अभियुक्त सुमित पाल ने बताया कि मंत्रा फाइनेंस सर्विस नाम से फर्जी कम्पनी बनाकर जॉब साइट पर डाली हुई थी। उसमें फील्ड सेल्स एक्जीक्यूटिव की नौकरी देने का आश्वासन देते थे। साइट पर आवेदन करने वालों को भी नौकरी देने का झांसा देते थे। उसके बाद ऋण लेने का आवेदन कराने पर एक प्रतिशत कमीशन का लालच दे रहे थे। महताब उसे फर्जी नाम पतों पर बैंकों में खाते खुलवाने और सिम दिलाने में मदद करता था। इसमें जुबैर भी मदद करता था।

जिनको नियुक्ति देेने का दावा करते, उन्हें कंपनी नहीं बुलाते और घर पर ही ऑफर लेटर भेज देते थे। सारा कुछ फोन के जरिए हो रहा था। ऋण कराने का आवेदन करने वाले लोगों से कौन महिला फोन पर बात करती थी। पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है, साथ ही गिरफ्तार आरोपियों के आपराधिक इतिहास की भी जानकारी की जा रही है। मेरठ में भी इनके फ्राड करने की जानकारी मिली रही है।

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