पीडब्ल्यूडी में कोविड के दौरान हुई एक महिला कर्मी की मौत की जांच राज्य विशेष जांच दल (स्टेट एसआईटी) को सौंपी जाएगी। प्रकरण में विभागीय कर्मचारी यूनियनों के पदाधिकारियों पर यौन शोषण के बाद हत्या का आरोप है। शुरुआती जांच में महत्वपूर्ण तथ्य सामने आने के बाद उच्च स्तर पर पुलिस से जांच कराने पर सहमति बन चुकी है। आरोपी सभी कर्मचारी शीघ्र ही मुख्यालय से बाहर भेजे जाएंगे।
मामले की जांच पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता 11वें वृत्त की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय समिति को सौंपी गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि प्रकरण आपराधिक प्रकृति का होने से विभाग स्तर से इतर उच्चस्तरीय स्वतंत्र एजेंसी या पुलिस विभाग को भेजने पर विचार किया जा सकता है। शासन के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, समिति की संस्तुति को देखते हुए प्रकरण शीघ्र ही स्टेट एसआईटी को भेज दिया जाएगा। आरोपी कर्मचारियों की संपत्ति की जांच भी कराने पर विचार किया जा रहा है। जांच प्रक्रिया पूरी होने पर आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है।\
ये है मामला
वर्ष 2020 में पीडब्ल्यूडी में तैनात एक महिला कर्मी की मौत हो गई थी। तब इसे कोविड से स्वाभाविक मौत बताते हुए अंतिम संस्कार कर दिया गया था। इस बीच पीडब्ल्यूडी के उच्चाधिकारियों से लिखित शिकायत की गई कि महिला कर्मी की स्वाभाविक मौत नहीं हुई थी। विभाग के ही दो बाबुओं ने उसका यौन शोषण किया था। इससे वह गर्भवती हो गई। जब महिला उनमें से एक बाबू पर शादी के लिए दबाव बनाने लगी तो गर्भपात करा दिया गया। इसके बाद संघ कार्यालय ले जाकर उसे बिजली का करंट भी दिया गया। इस प्रताड़ना से उसकी मौत हो गई। मामले में पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी यूनियनों के तीन पदाधिकारियों को आरोपी बनाया गया है।