वडोदरा के रिहायशी इलाकों में मगरमच्छों की दहशत; भारी बारिश के बीच लोगों के सामने नई चुनौती

गुजरात के वडोदरा शहर में 27 अगस्त से 29 अगस्त के बीच बहुत भारी बारिश के कारण विश्वामित्री नदी का जल स्तर बढ़ गया है। इस बीच करीब 24 मगरमच्छ बाढ़ के पानी के साथ बहकर रिहायशी इलाकों में पहुंच गए। वन विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि रिहायशी इलाकों में मगरमच्छों की वजह से लोग काफी दहशत में हैं। हम मगरमच्छों को सुरक्षित वापस नदी तक पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। फिलहाल करीब 24 मगरमच्छों को बचा लिया गया है।

विश्वामित्री नदी में लगभग 440 मगरमच्छ
वडोदरा रेंज के वन अधिकारी करणसिंह राजपूत के मुताबिक, विश्वामित्री नदी में लगभग 440 मगरमच्छ रहते हैं, जिनमें से कई अजवा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण आई बाढ़ के दौरान बहकर रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं। राजपूत ने बताया कि इन तीन दिनों के दौरान हमने 24 मगरमच्छ के अलावा 75 अन्य जानवरों को भी बचाया, जिनमें सांप, कोबरा, लगभग 40 किलोग्राम वजन वाले पांच बड़े कछुए और एक साही शामिल हैं। विश्वामित्री नदी के नजदीक कई रिहायशी इलाके हैं।

स्थानीय निवासियों को अलर्ट रहने को कहा गया
उन्होंने बताया कि सबसे छोटा मगरमच्छ जिसे हमने बचाया, वह दो फुट लंबा है, जबकि सबसे बड़े मगरमच्छ की लंबाई 14 फुट है। इसे गुरुवार को नदी के किनारे स्थित कामनाथ नगर से पकड़ा गया था। स्थानीय निवासियों ने हमें इसके बारे में सूचित किया था। इनके अलावा 11 फुट लंबे दो अन्य मगरमच्छ को गुरुवार को ईएमई सर्कल और एमएस (मनोनमनियम सुन्दरनार) विश्वविद्यालय के जीवविज्ञान विभाग के पास एक खुले क्षेत्र से बचाया गया।

संघर्ष का कोई मामला सामने नहीं आया
राजपूत ने बताया कि बहुत भारी बारिश वाले इन तीन दिनों में आम इंसान और मगरमच्छ के बीच संघर्ष का कोई मामला सामने नहीं आया। मगरमच्छ आमतौर पर मनुष्यों पर हमला नहीं करते। नदी में वे मछली और पशुओं के अवशेष खाकर जीवित रहते हैं। वे कुत्ते, सुअर और अन्य छोटे जानवरों को भी मारकर खा सकते हैं। ऐसे ही एक घटना का वीडियो हाल में वायरल हुआ था। चूंकि, अब विश्वामित्री नदी के जल स्तर में काफी कमी आ गई है, इसलिए बचाए गए मगरमच्छ सहित अन्य जानवरों को जल्द उसमें छोड़ा जाएगा।

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