कब से शुरु होगा रमजान
इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र महीना है रमजान। रोजे चांद दिखने से शुरु होते हैं, जिस शाम को चांद दिखाई देता है, उसकी अगली सुबह से रोजे शुरू हो जाते हैं। इस बार बताया जा रहा है कि शनिवार (27 मई) को चांद दिखेगा और अगले दिन यानी 28 मई को पहला रोजा रखा जाएगा। रमजान के महीने में सूर्योदय से लेकर सूर्योस्त तक रोजा रखा जाता है, इस दौरान कुछ भी खाया-पिया नहीं जाता है। पूरे महीने रात में विशेष नमाज अदा की जाती है, जिसे तरावीह कहते हैं। अल्लाह का शुक्र अदा करते हुवे इस महीने के गुज़रने के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद उल-फ़ित्र मनाते हैं।
कभी 29 तो कभी 30 दिन
रमज़ान या रमदान इस्लामी कैलेण्डर का नवां महीना है। रोजे को अरबी भाषा में सोम कहा जाता है। इसका मतलब होता है रुकना। रमजान का महीना कभी 29 दिन का तो कभी 30 दिन का होता है। फ़ारसी में उपवास को रोज़ा कहते हैं। भारत के मुसलिम समुदाय पर फ़ारसी प्रभाव ज़्यादा होने के कारण उपवास को फ़ारसी शब्द ही उपयोग किया जाता है।
रोजा रखने के हैं ये सख्त नियम :
– रोजे रखने वाले मुसलमान सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के दौरान कुछ भी नहीं खाते।
– सूरज निकलने से पहले सहरी की जाती है, मतलब सूरज निकलने से पहले ही खाना पीना किया जा सकता है।
– रोजेदार सहरी के बाद सूर्यास्त तक कुछ नहीं खाते और सूरज अस्त होने के बाद इफ्तार करते हैं। इफ्तार में रोजा खोला जाता है।
– रमजान के पवित्र माह में पांच बार की नमाज और कुरान पढ़ी जाती है।
– बदनामी करना, लालच करना, झूठ बोलना, पीठ पीछे बुराई करना और झूठी कसम खाने से रोजा टूट जाता है।