ज्ञानवापी मामले की सुनवाई के दौरान भिड़े अधिवक्ता, गालीगलौज के बाद हुई मारपीट

 अधिवक्ताओं की भिड़ंत के दौरान अदालत परिसर में अफरातफरी मच गई। सूचना पाकर चौकी की पुलिस भी पहुंच गई। बाद में बातचीत कर दोनों पक्षों ने सुलह कर लिया।

सिविल जज सीनियर डिवीजन (फास्ट ट्रैक कोर्ट) प्रशांत कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार को ज्ञानवापी के मुकदमे से संबंधित हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं के बीच गालीगलौज और मारपीट हुई। इस घटना से सिविल कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया। मामला कचहरी पुलिस चौकी तक पहुंचा। हालांकि बनारस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह के हस्तक्षेप पर दोनों पक्षों ने आपस में समझौता कर लिया। मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

यह है पूरा मामला 

ज्ञानवापी से संबंधित वर्ष 1991 के प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ केस की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से इस मुकदमे को छह महीने में निस्तारित किया जाना है। मुकदमे के मूल वादी रहे पं. सोमनाथ व्यास के निधन के बाद उनकी जगह पर उनके उत्तराधिकारी शैलेंद्र पाठक और जैनेंद्र पाठक ने पक्षकार बनाए जाने की मांग की है। 

इस मसले पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पाठक बंधुओं के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी और सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने अगली तारीख नियत करने की मांग की। इस मांग का लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने विरोध किया। इसे लेकर कोर्ट रूम में ही दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं में कहासुनी शुरू हुई। देखते ही देखते गालीगलौज और फिर मारपीट होने लगी। कोर्ट रूम में मौजूद अन्य अधिवक्ताओं ने किसी तरह से बीचबचाव कर हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं के दोनों गुट को अलग करा कर शांत कराया।

क्या बोले अधिवक्ता

  • गलत हुआ है। इससे अच्छा संदेश नहीं गया। हालांकि बाद में उन्होंने माफी मांगी तो हमने माफ कर दिया। दोनों पक्षों में समझौता हो गया है। अब कोई बात नहीं है। – विजय शंकर रस्तोगी, अधिवक्ता
  • हम लोग सुनवाई के लिए समय मांग रहे थे, उसी दौरान कुछ गलतफहमी हो गई थी। बहरहाल दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया है और मामले का निपटारा हो गया। – सुभाष नंदन चतुर्वेदी, अधिवक्ता
  • हम बाबा विश्वनाथ के लिए लड़ रहे हैं। इसी क्रम में सुनवाई के दौरान कुछ कहासुनी हो गई थी। बाद में हम सभी ने आपसी सहमति से मसले का निस्तारण कर लिया है। – सुधीर त्रिपाठी, अधिवक्ता  

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com