सीसीआई (Competition Commission of India) ने एआई और प्रतिस्पर्धा पर इसके प्रभाव पर स्टडी को लेकर संस्थाओं से प्रस्तावों के लिए अनुरोध आमंत्रित किया है। प्रस्ताव के लिए अनुरोध (Request for Proposal ) दस्तावेज़ जारी करते हुए सीसीआई ने कहा कि एआई में आपूर्ति और मांग दोनों पक्षों को लेकर महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता है। एआई के उपयोग से उत्पन्न होने वाले संभावित प्रतिस्पर्धा जोखिमों को लेकर चिंता बढ़ सकती है।
निष्पक्ष व्यापार निगरानी संस्था सीसीआई (Competition Commission of India) ने सोमवार को एआई और प्रतिस्पर्धा पर इसके प्रभाव पर स्टडी को लेकर संस्थाओं से प्रस्तावों के लिए अनुरोध आमंत्रित किया।
इस स्टडी में एआई- ड्रिवन पर्सन्लाइज्ड रिकमेन्डेशन, ग्राहक की पसंद को लेकर सर्विस और कीमत जैसी बातों को शामिल किया जाएगा।
‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता और प्रतिस्पर्धा’ (Artificial Intelligence and Competition) पर यह मार्केट स्टडी ऐसे समय में सामने आई है, जब उद्योगों में एआई के बढ़ते उपयोग ने मार्केट एक सही प्रतिस्पर्धा को लेकर नए सवाल पैदा किए हैं।
एआई का इस्तेमाल कितना सही
प्रस्ताव के लिए अनुरोध (Request for Proposal ) दस्तावेज़ जारी करते हुए, सीसीआई ने कहा कि एआई में आपूर्ति और मांग दोनों पक्षों को लेकर महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता है। हालांकि, एआई के उपयोग से उत्पन्न होने वाले संभावित प्रतिस्पर्धा जोखिमों को लेकर चिंता बढ़ सकती है।
बोली जमा करने की आखिरी तारीख 3 जून
बोली जमा करने की अंतिम तारीख 3 जून है और संस्थाओं द्वारा तकनीकी प्रस्तुतियों के बाद, वित्तीय बोली की अंतिम तिथि 28 जून है।
विभिन्न पहलुओं के बीच, स्टडी इस बात पर गौर करेगी कि क्या और किस तरह से एआई प्रतिस्पर्धा-विरोधी रणनीतियों को सुविधाजनक बना सकता है।
साथ ही एआई द्वारा सहायता प्राप्त नई रणनीतियों को भी लागू कर सकता है जो प्रतिस्पर्धा-विरोधी परिणामों को जन्म दे सकती हैं।
एआई के उपयोग से सेल्फ लर्निंग एल्गोरिदम और क्या एआई एल्गोरिदम में पूर्वाग्रह प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर सकता है, इसकी भी स्टडी के दौरान जांच की जाएगी।
मार्केट में कॉम्प्टीशन पर क्या पड़ेगा असर
इस स्टडी के जरिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) एआई अपनाने वालों और गैर अपनाने वालों के लिए प्रतिस्पर्धी लाभ और नुकसान के मुख्य स्रोतों को समझने की कोशिश करेगा।
इसके अलावा, यह “एआई के रुझानों और पैटर्न को समझेगा और एआई और बाजारों में इसके अनुप्रयोग के संबंध में आयोग की प्रवर्तन और वकालत प्राथमिकताओं का पता लगाएगा”।