भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 के चीन सीमा के पास से लापता होने के मालमे में अनभिज्ञता जताते हुए भारत पर ही तनाव बनाने का आरोप लगाया है. चीन का कहना है कि उसे लापता भारतीय विमान की कोई खबर नहीं. इसके साथ ही उनसे सीमा विवाद की ओर इशारा करते हुए नसीहत भरे लहजे में कहा कि भारत को शांति भंग करने से बचना चाहिए.
चीनी विदेश मंत्रालय ने चेताया
भारत-चीन सीमा के पास से लापता हुए सुखोई विमान के बारे में जब पूछा गया तो चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ल्यू कांग ने कहा, ‘सबसे पहली बात, चीन-भारत सीमा के पूर्वी हिस्से को लेकर हमारी स्थिति लगातार ही स्पष्ट रही है. वहीं दक्षिण तिब्बत के हालात पर हम करीबी नजर बनाए हुए हैं. हमें उम्मीद है कि भारत दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति पर टिका रहेगा और सीमाई इलाकों में शांति और स्थिरता को भंग करने वाली किसी भी गतिविधि से बचना चाहेगा.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘जिस बारे में आप जिक्र कर रहे हैं, फिलहाल मेरे पास उसकी कोई जानकारी नहीं.’
बता दें कि भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान सुखोई-30 मंगलवार सुबह चीन सीमा के पास तेजपुर एयरबेस से उड़ान भरने के बाद लापता हो गया था. यह विमान नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था और तेजपुर से 60 किलोमीटर उत्तर में रडार से इसका संपर्क टूट गया. विमान पर दो पायलट सवार थे और उनका पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया गया है. हालांकि अभी तक इसका कोई पता नहीं चल पाया है.
7 साल में 7 हादसे
रूस से खरीदा गया सुखोई विमान वायुसेना की अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमानों में से हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले सात साल में 7 सुखोई विमान हादसे का शिकार हो चुके हैं. करीब 358 करोड़ रुपए की लागत वाला यह विमान 4.5 जेनरेशन का विमान है और इस समय दुनिया के श्रेष्ठ लड़ाकू विमानों की श्रेणी में शामिल है.
सुखोई विमान की खासियतें
दो-इंजन वाले सुखोई-30 एयरक्राफ्ट का निर्माण रूसी की कंपनी सुखोई एविएशन कॉरपोरेशन ने किया है. भारत की रक्षा जरूरतों के लिहाज से सुखोई विमान काफी अहम है. यह सभी मौसमों में उड़ान भर सकता है. हवा से हवा में, हवा से सतह पर मार करने में सक्षम है.