भारतीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक रिटायर्ड महानिरीक्षक को कनाडा में दाखिल होने से रोक दिया गया. एयरपोर्ट अधिकारियों का कहना था कि उन्होंने एक ऐसे संगठन में सेवा दी है, जो कथित रूप से आतंकवाद और मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन में शामिल है. इस पर भारत ने कड़ी जताई, जिसके बाद कनाडा ने इस मामले में खेद जताया है.
ये था पूरा मामला
सीआरपीएफ के एक सेवानिवृत्त महानिरीक्षक टी एस ढिल्लों, अपनी पत्नी के साथ कनाडा के एक एयरपोर्ट पर उतरे और उसके एक-दो दिन बाद उन्हें भारत की एक फ्लाइट से वापस भेज दिया गया. हालांकि उनकी पत्नी को कनाडा में उनके गंतव्य पर जाने दिया गया था. ढिल्लों ने बताया, मैं एक पारिवारिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए अपनी पत्नी के साथ कनाडा गया था, लेकिन एयरपोर्ट पर तैनात कनाडा की सीमा एजेंसी ने मुझे देश में प्रवेश नहीं करने दिया. ढिल्लों के मुताबिक, उन्होंने बताया भी कि वह भारतीय पुलिस, सीआरपीएफ के एक रिटायर्ड अधिकारी हैं, लेकिन उन्होंने एक ना सुनी नहीं और उनसे अभद्र तरीके से बात की. ढिल्लों ने बताया कि उन्होंने उनके ऊपर इल्ज़ाम लगाया कि उनका बल मानवाधिकार उल्लंघनों में संलिप्त है.
भारत ने जताया सख्त ऐतराज
ढिल्लों को कनाडा पर प्रवेश देने से रोकने के मामले में भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि हमने एक वरिष्ठ सेवानिवृत भारतीय पुलिस अधिकारी को कनाडाई अधिकारियों द्वारा प्रवेश से मना करने के बारे में खबरें देखी है. ये बिल्कुल सहीं नहीं है. उन्होंने बताया कि हम कनाडा सरकार के समक्ष यह मुद्दा ले गए हैं.
कनाडा ने जताया खेद
वहीं, कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल ने एक बयान में कहा कि एयरपोर्ट पर ढिल्लों को दिए गए एक दस्तावेज में मौजूद भाषा भारत या सीआरपीएफ सहित किसी खास संगठन के प्रति कनाडा सरकार की नीति को जाहिर नहीं करती. बल भारत में कानून व्यवस्था कायम रखने में एक अहम भूमिका निभाता है. उन्होंने, ढिल्लों और उनके परिवार को हुई किसी भी असुविधा को लेकर खेद प्रकट किया. गौरतलब है कि ढिल्लों 2010 में बल के आईजी पद से रिटायर्ड हुए थे.