मौसम के बिगड़े मिजाज ने केदारनाथ यात्रा तैयारियों पर बर्फ का पहरा लगा दिया है। धाम से लेकर पैदल मार्ग पर कई फीट बर्फ जमा हो रखी है, जिसे साफ करना आसान नहीं है। इन हालातों में प्रशासन को बाबा के भक्तों के लिए मूलभूत सुविधाएं जुटाने और पुख्ता सुरक्षा इंतजाम करने के लिए पैदल मार्ग से लेकर धाम तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
आगामी आठ मार्च को महाशिवरात्रि के पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि पंचांग गणना के आधार पर घोषित की जाएगी। इसके बाद, यात्रा की तैयारियों का काउटडाउन भी शुरू हो जाएगा। लेकिन मौसम के बिगड़े मिजाज के चलते प्रशासन के सामने धाम तक जरूरी संसाधनों को समय पर पहुंचना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
बताया जा रहा है कि गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भीमबली से रुद्रा प्वाइंट तक चार से पांच फीट तक बर्फ जमा है। रामबाड़ा से छानी कैंप तक टीएफटी चड्डी, हथनी गदेरा, भैरव गदैरा सहित छह हिमखंड जोन भी हैं, जो पूरे यात्रा मार्ग का सबसे अधिक संवेदनशील हिस्सा है। वहीं, केदारनाथ में भी छह से आठ फीट तक बर्फ जमा हो चुकी है।
इन हालातों में पैदल मार्ग से धाम तक आवासीय व्यवस्था के साथ ही पेयजल, बिजली, शौचालय, संचार और सुरक्षा जैसे इंतजाम जुटाने के लिए प्रशासन और पुलिस को खूब पसीना बहाना पड़ेगा। बता दें कि बीते वर्ष भी फरवरी से मई तक हर दूसरे-तीसरे दिन केदारनाथ में बर्फबारी होती रही, जिस कारण यात्रा तैयारियां काफी प्रभावित हुईं थी।
पैदल मार्ग पर हिमखंड क्षेत्रों में फिसलन बढ़ गई थी, जिस कारण कई यात्री व घोड़ा-खच्चर भी रपटकर घायल हो गए थे। तब, प्रशासन ने बर्फ में चूना व नमक डालने के साथ ही कई जगहों पर मैट भी बिछाई थी।
बीते एक माह से केदारनाथ में सप्ताह में दो से तीन दिन बर्फबारी हो रही है, जिससे वहां काफी बर्फ जम गई है। आने वाले दिनों में भी मौसम विभाग का केदारनाथ सहित अन्य क्षेत्रों में बर्फबारी का अनुमान है। ऐसे में हालात बीते वर्ष जैसे पैदा हो रहे हैं, जिनसे पार पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी।
60 मजदूरों की दो टीमें तैयार हैं, जो गौरीकुंड और भीमबली पहुंच गई हैं। जैसे ही मौसम में सुधार होता है, पैदल मार्ग पर बर्फ सफाई का काम शुरू कर दिया जाएगा।
– विनय झिक्वांण, अधिशासी अभियांता, लोनिवि