अगर आप भी डिजिटल पेमेंट करते हैं तो यूनिफ़ाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (UPI) से जुड़े नए बदलावों को चेक करना जरूरी हो जाता है।
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए यूपीआई से जुड़े नए नियमों को पेश किया गया है। इसी के साथ कुछ नियम अभी पायलेट फेज में हैं, इन नियमों के साथ पेमेंट करने का तरीका बहुत हद तक बदलने जा रहा है।
UPI ट्रांजेक्शन की लिमिट
अस्पतालों और शिक्षा से जुड़ी पेमेंट के लिए लेनेदेन की लिमिट अब 5 लाख रुपये तक कर दी गई है। दरअसल, पहले यूपीआई के साथ पेमेंट की यह लिमिट 1 लाख रुपये थी।
यूपीआई के बढ़ते इस्तेमाल के साथ अब कुछ खास सेक्टर से जुड़े लेनदेन पहले से ज्यादा आसान हो जाएगा।
सेकेंडरी मार्केट के लिए UPI
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने सेकेंडरी मार्केट के लिए यूपीआई पेश किया है। यह अभी बीटा फेज में है।
यानी कि कुछ ही पायलेट कस्टमर को पोस्ट ट्रेड कन्फर्म होने पर फंड ब्लॉक करने जैसी सुविधा मिल रही हैं। इस नई सुविधा के साथ क्लियरिंग कॉरपोरेशन के जरिए टी1 बेस पर पेमेंट सेटल की जा सकती है।
QR कोड का इस्तेमाल करने वाले UPI ATM
QR कोड का इस्तेमाल करने वाले UPI ATM अभी पायलेट फेज में है। इस सुविधा के साथ नकद निकासी आसान हो जाएगी। कैश निकालने के लिए ग्राहकों को फिजिकल डेबिट कार्ड साथ रखने की जरूरत नहीं होगी।
चार घंटे का कूलिंग पीरियड
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नए नियमों के साथ यूपीआई सुरक्षा को भी बढ़ा दिया है। वे ग्राहक जो पहली बार यूपीआई भुगतान कर रहे हैं, उन्हें 2000 रुपये तक की पेमेंट के लिए 4 घंटे का कूलिंग पीरियड दिया जा रहा है। इस दौरान यूजर ट्रांजेक्शन को लेकर किसी तरह का बदलाव आसानी से कर सकता है।
UPI पर पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइन
यूपीआई पर पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइन ग्राहकों के साथ-साथ व्यवसायों के लिए लोन की सुविधा पेश करेगी। इससे देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।