भारत में 90 फीसदी स्टार्टअप पहले पांच सालों में ही बंद : आईबीएम

नवाचार और वित्त की कमी के कारण भारत के 90 फीसदी से ज्यादा स्टार्टअप पहले पांच सालों में ही बंद हो जाते हैं। सॉफ्टवेयर दिग्गज आईबीएम ने एक अध्ययन में बुधवार को यह जानकारी दी। इसमें बताया गया कि देश के स्टार्टअप को शुरुआत और बंद करने के दौरान दोनों ही चरणों में वित्त की कमी से जूझना पड़ता है, जबकि दुनिया की सफल स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में ऐसा नहीं होता और उन्हें निवेशक समुदाय से हर कदम पर समर्थन मिलता है।
भारत में 90 फीसदी स्टार्टअप पहले पांच सालों में ही बंद : आईबीएम
आईबीएम भारत/दक्षिण एशिया के मुख्य डिजिटल अधिकारी निपुन मेहरोत्रा ने एक बयान में कहा, “हमारा मानना है कि स्टार्टअप को स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छता, शिक्षा, परिवहन, वैकल्पिक ऊर्जा प्रबंधन और अन्य सामाजिक समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है, जो कि उन मुद्दों से निपटने में मदद करेगी जिसका भारत समेत पुरी दुनिया सामना कर रही है।”

भारत के 76 फीसदी से भी अधिक अधिकारियों ने देश की अर्थव्यवस्था में खुलेपन को आर्थिक लाभ के रूप में देखा, जबकि 60 फीसदी ने कुशल श्रमिकों की पहचान की और 57 फीसदी अधिकारियों का कहना था कि बड़ा घरेलू बाजार होने के महत्वपूर्ण फायदे हैं। सर्वेक्षण में शामिल 73 फीसदी उद्योग नेतृत्व का मानना है कि पारिस्थितिकी तंत्र स्टार्टअप में तेजी ला सकती है।

 

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