काशी हिंदू विश्वविद्यालय में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब विश्वविद्यालय के बिरला (ब) के शोध छात्रों ने सड़क को जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन करने वाले छात्रों ने आरोप लगाया कि वाटर कूलर में चूहा मरने के बाद भी छात्र पानी पी रहे थे, लेकिन इसकी जानकारी तब हुआ जब वाटर कूलर से दुर्गंध आने लगा। जबकि इसकी सफाई करने के लिए कई बार मांग किया,लेकिन उसके बावजूद सफाई नही किया गया। चूहा मरने के बाद भी सफाई न होने से वाटर कूलर को सड़क पर फेंक दिया गया है।
चूहा मरे पानी पीने से 15 छात्र हुए बीमार, आक्रोशित छात्रों ने किया प्रदर्शन
वाटर कूलर में चूहा मरे हुए पानी को लेकर चक्का जाम कर प्रदर्शन करने वाले छात्रों का आरोप है, कि वाटर कूलर का पानी पीने से 15 छात्र बीमार हो गए। छात्रों ने बताया कि जिस वाटर कूलर में चूहा मरा था, उससे पिछले 3 दिनों से छात्र पानी पी रहे है। जब छात्र बीमार हुए और पानी से दुर्गंध आया तो इसका खुलासा हुआ। छात्रों ने बताया कि बिरला (ब) के करीब 100 छात्र इस वाटर कूलर से पानी प्रतिदिन पीते है।
छात्रावास पहुंची प्रॉक्टोरियल टीम, छात्रों ने किया वार्डन के इस्तीफे की मांग
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने दूषित पानी वाले वाटर कूलर को छात्रों ने सड़क पर फेंक दिया। मौके पर पहुंची विश्विद्यालय की प्रॉक्टोरियल टीम से छात्रों ने नया वाटर कूलर लगाने और बिरला (ब) के वार्डन के इस्तीफे की मांग किया।
छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय की तरफ से छात्रों के सुविधा के लिए आ रहे पैसे का बंतमदरबाट किया जा रहा है और छात्रावासों में छात्रों की मूलभूत सुविधा से वंचित रखा जा रहा है। वही इस मामले को लेकर मौके पर मौजूद प्रॉक्टोरियल के अधिकारी लगातार छात्रों के समझाने में जुटे रहे, लेकिन छात्र अपनी मांग को लिए अड़े रहे।
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