उत्तर प्रदेश की राजनीति में सावन में बड़ा उलटफेर दिखने के आसार बन रहे हैं। सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भाजपा गठबंधन के साथ दिख सकते हैं। प्रदेश कैबिनेट में भी उन्हें फिर से स्थान मिलने की बातें सामने आ रही हैं। हाल के दिनों में भाजपा के बड़े नेताओं के साथ हुईं उनकी मुलाकातों के बाद अब गठबंधन के लिए मंच सजाने की तैयारी है। भाजपा नेतृत्व राजभर को जोड़ कर 2024 में पूर्वांचल में एकतरफा जीत हासिल करने की रणनीति को जल्द अमलीजामा पहना सकता है। वाराणसी सर्किट हाऊस में ओम प्रकाश राजभर और मुख्यमंत्री योगी की मुलाकात होने की खबरें शुक्रवार को चर्चा में रहीं।
वहीं सुभासपा अध्यक्ष ने इसका खंडन किया। राजभर ने कहा-‘सुभासपा के विधायक दल का नेता हूं। सीएम से जब चाहूं तब मिल लूं। इसमें छिपाने वाली कौन सी बात होगी।
पूर्वांचल के गाजीपुर, घोसी, जौनपुर, लालगंज, चंदौली, सलेमपुर, अंबेडकरनगर, वाराणसी, बस्ती, कुशीनगर सहित 15 से अधिक लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर राजभर बिरादरी के मतदाता अच्छी तादाद में हैं। भाजपा रणनीतिकार 2022 में सपा-सुभासपा गठबंधन के इस गणित को अपने पक्ष में करने की तैयारी में है।
गठबंधन की वजहें (2022 चुनाव के नजरिये से )
-सुभासपा जीती विधानसभा मऊ, जहुराबाद, जखनिया, जफराबाद, बिल्थरा रोड और महादेवा
-सुभासपा हारी (सभी विस सीटों पर दूसरे नंबर पर) रसड़ा, खलीलाबाद, शोहरतगढ़, खड्डा, रामकोला, महाराजगंज, सलेमपुर, घनघटा, बल्हा, संडीला और मिश्रिख
इन जिलों में भाजपा सभी सीटें हारी
गाजीपुर, आजमगढ़ और अंबेडकर नगर
इन जिलों में भाजपा पर भारी पड़ा था सपा-सुभासपा गठबंधन
मऊ में भाजपा जीती चार में से एक, बलिया में सात में से दो, बस्ती में पांच में से एक, जौनपुर नौ में से चार और चंदौली चार में से दो
2017 में भाजपा के साथ सुभासपा के होने का असर
-भाजपा गाजीपुर में 5, बलिया में 5, मऊ में 3 व आजमगढ़ में दो सीटें जीती।
-आंकड़ें बता रहे हैं कि राजभर के साथ आने पर भाजपा गाजीपुर, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, घोसी, बस्ती, जौनपुर, चंदौली, मछलीशहर, कुशीनगर, संतकबीरनगर, महाराजगंज आदि लोस क्षेत्रों में और मजबूत होगी।