अपने विपक्षी एकता के मिशन को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इसमें मेरा कोई व्यक्तिगत एजेंडा नहीं है। मैं अपने लिए कुछ नहीं कर रहा बल्कि ये सभी लोगों के लिए है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने भाजपा को घेरा
विपक्षी एकजुटता की मुहिम छेड़ने की वजह पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बयान दिया है। नीतीश कुमार ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि वे लोग देश का इतिहास बदलना चाहते हैं, इसलिए हम विपक्षी दलों को एकजुट कर रहे हैं।
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि इसमें मेरा कोई व्यक्तिगत एजेंडा नहीं है। मैं अपने लिए कुछ नहीं कर रहा बल्कि ये सभी लोगों के लिए है। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष के नेताओं से बातचीत हुई है। बातचीत सकरात्मक रही है। आगे एक साथ बैठकर निर्णय लिया जाएगा, तभी मीडिया को सारी जानकारी दे देंगे।
बिहार में इन दोनों विपक्षी एकता की अगुवाई और आनंद मोहन की रिहाई की खबरें सुर्खियों है। दोनों मामलों में नीतीश कुमार की ही चर्चा है। एक ओर आनंद मोहन को रिहा करने पर नीतीश कुमार सवालों के घेरे में हैं। वहीं, विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम में बिहार के मुखिया की भूमिका अहम मानी जा रही है।
इसी विपक्षी एकता का संदेश लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह मंगलवार को झारखंड गए थे, जहां उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। हाल ही में जदयू के राज्यसभा सदस्य खीरू महतो भी हेमंत सोरेन से मिले थे। दोनों की मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है।
बता दें कि इससे पहले नीतीश कुमार दिल्ली जाकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। इस दौरान तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। अब चर्चा है कि नीतीश कुमार ओडिशा भी जा सकते हैं और नवीन पटनायक से मुलाकात कर सकते हैं।
पटना में हो सकती है विपक्षी दलों की बैठक
वहीं, एक चर्चा ये भी है कि देशभर के विपक्षी नेताओं की बैठक बिहार की राजधानी पटना में हो सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी नेताओं की बैठक को लेकर भी बयान दिया था। उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनाव होने दीजिए, इसके बाद तय होगा कि विपक्षी एकता को लेकर बैठक कहां होगी।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बहुत लोगों की राय है कि पटना में बैठक हो। ये अच्छी बात है। बातचीत कर सबकुछ तय किया जाएगा।