रांकपा के प्रमुख शरद पवार ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। जिससे राज्य की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। तो वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं ने मंगलवार को प्रस्तावित रत्नागिरि रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड परियोजना, बेमौसम बारिश के कारण कृषि-संकट और पिछले महीने लू लगने से एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत सहित कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा के लिए विधानसभा के विशेष सत्र की मांग की। कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात के दौरान यह मांग की है।
लू लगने से हुई थी 14 लोगों की मौत
गौरतलब है कि 16 अप्रैल को नवी मुंबई के खारघर इलाके में ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार कार्यक्रम में शामिल होने के बाद लू लगने से 14 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, दूसरी ओर रत्नागिरी में बारसू और उसके आसपास के निवासियों का एक वर्ग प्रस्तावित रिफाइनरी का विरोध कर रहा है क्योंकि उन्हें डर है कि मेगा परियोजना तटीय कोंकण क्षेत्र की नाजुक जैव विविधता पर प्रभाव डालेगी और उनकी आजीविका को भी प्रभावित करेगी।
महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार कार्यक्रम को बताया प्रयोजित हत्या
मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया कि खारघर इलाके में ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार कार्यक्रम के दौरान हुई घटना एक “राज्य प्रायोजित हत्या” थी और आज तक इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि घटना के लिए सरकार की खराब योजना जिम्मेदार थी। इसके लिए हाईकोर्ट के जज को जांच के आदेश देने चाहिए।
रिफाइनरी परियोजना को जबरन थोपा जा रहा है- पटोले
पटोले ने यह भी दावा किया कि उनके विरोध के बावजूद सरकार द्वारा बारसु रिफाइनरी परियोजना को स्थानीय लोगों पर थोपा जा रहा है। जबकि लोग इसका लगातार विरोध कर रहे हैं। उन्होंने आगे दावा किया कि राज्य सरकार स्थानीय लोगों पर अत्याचार करने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल कर रही है और वह कोंकण के प्राचीन वातावरण को नष्ट करना चाहती है।
किसानों को मदद देने की मांग की
नाना पटोले ने आगे कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को नुकसान हुआ है और उन्हें तत्काल मदद दी जानी चाहिए। मौसम परिवर्तन से किसान तबाह हो गए हैं और राज्य में किसानों की आत्महत्या की दर में वृद्धि हुई है।
चव्हाण ने उठाया मराठा कोटा लागू करने का मुद्दा
प्रतिनिधिमंडल में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान शामिल थे। चव्हाण मे मराठा कोटा लागू करने के लिए आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने का मुद्दा उठाया और छत्तीसगढ़ का उदाहरण दिया। पटोले ने राजभवन की बैठक के बाद कहा, इन सभी जरूरी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हमने राज्यपाल से जल्द से जल्द विशेष विधानसभा सत्र बुलाने का अनुरोध किया है।