लैंड फॉर जॉब घोटाले में शनिवार को तेजस्वी यादव से सीबीआई ने मैराथन पूछताछ की। इस दौरान नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े उनसे सवाल किए गए। जिस पर जमकर सियासत भी हो रही है। आरजेडी जहां इसे केंद्र सरकार की बदले की भावना से की गई कार्रवाई बता रही है, तो वहीं बीजेपी कानूनी का प्रक्रिया करार दे रही है। अब बिहार के पूर्व सीएम औऱ बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने इस मामले पर आरजेडी और जदयू दोनों को लपेटे में ले लिया।
बीजेपी ने आरजेडी-जदयू को घेरा
सुशील मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने सीबीआई को घोटाले से संबंधित सबूत दिए वही अब इस पूरे मामले पर सियासत कर रहे हैं। सीबीआई घोटाले का सच जानना चाहती है। आखिर क्यों CBI को सच बताने से लालू परिवार घबरा रहा है। सुशाल मोदी ने कहा कि तेजस्वी बतायें, फ्रेंड्स कालोनी में 150 करोड़ के मकान के मालिक कैसे बने। ललन सिंह ने ही सीबीआई तक पुख्ता सबूत पहुंचाए थे। उन्होंने कहा कि जदयू के शरद यादव और ललन सिंह ने इस मामले में यूपीए सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ज्ञापन देकर सीबीआई जांच की मांग की थी। बाद में ललन सिंह ने नीतीश कुमार के इशारे पर सीबीआई को पुख्ता सबूत उपलब्ध कराये। मोदी ने कहा कि अब खुद जदयू ने इस पूरे मामले पर राजनीति कर रही है। भ्रष्टाचार जैसे गंभीर मुद्दे को आरजेडी-जदयू ने सियासत का मुद्दा बना लिया है। लेकिन इस घोटाले का सच सामने आकर रहेगा।
आरजेडी-जदयू ने बीजेपी को घेरा
वहीं इससे पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा था कि बीजेपी की घबराहट और बौखलाहट का ये नतीजा है। बीते कई सालों से घोटाले की फाइल बंद थी। लेकिन नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होते ही सीबीआई को दिव्य ज्ञान प्राप्त हो गया। वही आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव ने तो खुद सीबीआई को चुनौती दी थी। और उनसे पूछताछ में भी कुछ नहीं मिलेगा।