डायबिटीज को लेकर हाल ही में हुआ शोध काफी प्रोमिसिंग लग रहे हैं। इसमें देखा गया कि जो लोग दिन के हर खाने से पहले बादाम खाते हैं उनमें ब्लड ग्लूकोज का स्तर कम हो जाता है। आइए पूरी स्टडी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
साल दर साल दुनियाभर में डायबिटीज के मामले बढ़ ही रहे हैं, खासतौर पर भारत में। ऐसे में इस विषय पर लगातार शोध भी होते रहते हैं। ऐसी ही एक स्टडी हाल ही में भी की गई, जिसमें पाया गया कि हर मील से पहले अगर बादाम खा लिए जाएं, तो इससे ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है। भारतीय प्रतिभागियों में किए गए दो नए अध्ययनों के अनुसार, मोटापे और ज्यादा वजन से जूझ रहे ऐसे लोग जो प्री-डायबिटीज से पीड़ित हैं, उन्हें बादाम का सेवन फायदा पहुंचा सकता है।
तीन दिनों में किया गया पहला अध्ययन यूरोपियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित हुआ, वहीं क्लिनिकल न्यूट्रिशन ESPEN जर्नल में प्रकाशित दूसरी रिसर्च तीन महीने से ज्यादा समय तक चली। शोधकर्ताओं ने पाया कि प्री-डायबिटीज के मरीज अगर तीन महीने तक हर मील से पहले बादाम का सेवन करते हैं, तो उनका ब्लड शुगर का स्तर समान्य रहता है।
दोनों स्टडीज में, 60 लोगों मे 20 ग्राम बादाम खाए। शोध के समय सुबह के नाश्ते, दिन के खाने और रात के खाने से 30 मिनट पहले 5-6 बादाम खाए। शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर डाइट में बादाम को शामिल किया जाए, तो इससे प्री-डायबिटिक से डायबिटिक होने से बचा जा सकता है।
प्रमुख लेखक और फोर्टिस-सी-डॉक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डायबिटीज, मेटाबोलिक रोग और एंडोक्रॉइनोलॉजी (नई दिल्ली) के प्रोफेसर और अध्यक्ष डॉ. अनूप मिश्रा ने कहा, “हमारे अध्ययनों के नतीजे बताते हैं कि आहार रणनीति के तहत बादाम ब्लड ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। इन परिणामों से पता चलता है कि प्रत्येक भोजन से पहले बादाम के एक छोटे हिस्से के सेवन से भारतीयों में सिर्फ तीन दिनों में ग्लाइसेमिक नियंत्रण में तेजी से और काफी सुधार हो सकता है। खाने से 30 मिनट पहले 20 ग्राम बादाम खाने से ब्लड शुगर और हार्मोन में उल्लेखनीय कमी देखी गई। बादाम के फाइबर, मोनोअनसैचुरेटेड वसा, जस्ता, और मैग्नीशियम जैसे पोषण संबंधी तत्व बेहतर ग्लाइसेमिक नियंत्रण प्रदान करने और भूख को कम करने में मदद करने के लिए मिलकर काम करते हैं।” उन्होंने यह भी कहा, “हमारे परिणाम प्री-डायबिटीज की प्रगति को कम करने और लोगों को सामान्य ग्लूकोज स्तर में वापस लाने के लिए एक आशाजनक आहार रणनीति प्रदान करते हैं।”
न्यूट्रिशन रिसर्च ग्रुप, नैशनल डायबिटीज, ओबेसिटी एंड कोलेस्ट्रॉल फाउंडेशन की प्रमुख डॉ. सीमा गुलाटी ने कहा, “डायबिटीज के बढ़ते प्रसार को देखते हुए, प्रमुख भोजन से 30 मिनट पहले बादाम खाने जैसी आहार रणनीतियां भोजन के बाद ब्लड शुगर के स्तर में वृद्धि को कम करने का एक अच्छा विकल्प प्रदान करती हैं।”
बादाम कैसे करते हैं ग्लूकोस में सुधार
प्रतिभागियों को या तो बादाम उपचार समूह या फिर नियंत्रण समूह में बांटा गया। दोनों समूह को डाइट और व्यायाम परामर्श के साथ-साथ उनके ग्लूकोज के स्तर को मापने के लिए घरेलू उपयोग के ग्लूकोमीटर प्रदान किए गए थे, जोकि आहार सेवन और व्यायाम के साथ डायरी में दर्ज किए गए थे।
शोध में देखा गया कि तीन महीने तक नाश्ते, दिन और रात के खाने से पहले 20 ग्राम बादाम का सेवन करने से शरीर के वजन, बॉडी मास इंडेक्स, कमर का साइज, कंधों व कुल्हे का साइज कम हुआ और ताकत बढ़ी। इसी तरह फास्टिंग ग्लूकोस, खाना खाने के बाद का इंसुलिन, हीमोग्लोबिन A1c, प्रोइंसुलिन, कुल कोलेस्ट्रॉल, LDL-कोलेस्ट्रॉल और लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन में भी गिरावट देखी गई।
साथ ही एचडीएल कोलेस्ट्रॉल में कोई बदलाव नहीं देखा गया, जिसका मतलब यह हुआ कि दूसरे बायोकेमिकल्स में बदलाव का असर इसपर नहीं पड़ता। इस शोध में जो लोग प्री-डायबिटिक थे, उनके ब्लड ग्लूकोस का स्तर समान्य हो गया।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस शोध की परिणाम डायबिटीज से बचा सकते हैं। यह खासतौर पर भारत में रह रहे भारतीयों के लिए लाभदायक साबित होगा, जिनमें डायबिटीज का जोखिम काफी ज्यादा होता है।