सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आगामी जनगणना में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए जाति आधारित जनगणना के निर्देश की मांग वाली याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (D Y Chandrachud) और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा ( P S Narasimha) की पीठ ने केंद्र, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जनगणना जरूरी है
अधिवक्ता कृष्ण कन्हैया पाल की तरफ से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था। याचिका में कहा गया था कि, ओबीसी जनगणना ‘बेहद आवश्यक’ है क्योंकि, जाति आधारित सर्वेक्षण और जाति आधारित जनगणना की कमी के कारण सरकारें पिछड़े वर्गों के सभी वर्गों के साथ कल्याणकारी योजनाओं के लाभों को साझा करने में असमर्थ हैं।
सरकार की तरफ से की गई थी घोषणा
याचिका में तर्क दिया गया था कि ठोस आंकड़ों के अभाव में ठोस नीतियां नहीं बनाई जा सकती हैं। पाल ने कहा कि 2018 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से इसे लेकर घोषणा की गई थी। उस वक्त ये कहा गया था कि, केंद्र सरकार जनगणना 2021 में पहली बार अन्य पिछड़ा वर्ग को लेकर अलग से आंकड़े जुटाएगी। हालांकि, सरकार ने 2017 में स्थापित रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को पेश करने से परहेज किया।