देश में बंदरों की पूजा की जाती है। उसे भगवान का भी रूप माना जाता है, लेकिन धनबाद वन विभाग की फोरेस्ट कॉलोनी में एक बंदर को निर्मम तरीके से मार दिया गया। इतना ही नहीं उसे मारने से पहले उसके दोनों हाथ भी तोड़ दिए गए। इस मामले में संज्ञान लेते हुए फोरेस्ट ऑफिसर आरके सिंह ने प्रभारी वनपाल जसीम अंसारी को शोकॉज जारी करते हुए एक हफ्ते में जवाब मांगा है।

शहर के सत्यम नगर निवासी एसडी तिवारी के घर एक बंदर को पकड़ कर रखा गया था। उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग को दे दी। फोरेस्ट ऑफिसर आरके सिंह ने प्रभारी वनपाल मो जसीम अंसारी को बंदर को अपनी कस्टडी में लेने का निर्देश दिया था। साथ ही बंदर को रखने के लिए वन विभाग ने केज (जाली) भी उपलब्ध करा दिया था।
बंदर को लाकर फोरेस्ट कॉलोनी में रखा गया, लेकिन प्रभारी वनपाल ने सूचित किया कि बंदर को जाली के अंदर ही किसी ने मार दिया है और मारने से पहले उसके दोनों हाथों को भी तोड़ा गया है। इस मामले में फोरेस्ट ऑफिसर ने प्रभारी वनपाल से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी।
बिना पोस्टर्माटम दफनाया
बंदर के मरने के बाद वन विभाग ने बिना पोस्टमार्टम के ही इसे दफना दिया जबकि वन विभाग के नियम के अनुसार किसी भी जंगली जानवर की संदेहास्पद स्थिति में मौत होने पर उसका पोस्टमार्टम कराना अनिवार्य है। इस घटना को दबाने का भी प्रयास वन विभाग द्वारा बहुत हद तक किया गया लेकिन वरीय अधिकारियों को जानकारी होने के बाद इसके जांच के आदेश दिए गए। वहीं दूसरी ओर फोरेस्ट कॉलोनी में जहां सामान्य आदमी को जाने की अनुमति नहीं है, वहां बंदर को बंद पिंजरे में किसने मारा, यह जांच का विषय है।
रेंज ऑफिसर धनबाद वन प्रमंडल के आरके सिंह ने कहा, ‘बंदर की संदेहास्पद परिस्थिति में मौत की सूचना पर जांच के आदेश दिए गए हैं। बिना पोस्टमार्टम के इसे कैसे दफनाया गया, इसकी भी जांच की जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।’
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