‘थप्पड़ से डर नहीं लगता साहब, प्यार से लगता है’…जिस मासूमियत और थोड़े से गुस्से के साथ सोनाक्षी सिन्हा ने अपनी पहली फिल्म ‘दबंग’ में ये डॉयलॉग बोला था उससे लोग उनके दीवाने हो गए थे। तब से से लेकर अब तक फिल्म इंडस्ट्री में सोनाक्षी को सात साल हो गए हैं और इतने सालों में उन्होंने खूब नाम और शोहरत बटोरी। हालांकि इस दौरान सोनाक्षी को काफी आलोचनाओं को भी शिकार होना पड़ा – कभी बढ़े वजन की वजह से तो कभी फिल्मों की चॉइस को लेकर।
मुझे चैलेंज पसंद हैं। अब मन करता है कि मैं फिल्म को अपने कंधों पर लेकर चलूं।
कोई फिल्म कैसी बनकर सामने आई है इसके लिए मैं किसी पर निर्भर नहीं हूं। मेरे साथ एक बहुत ही अच्छी टीम है जो हमेशा सपोर्ट करती है।
मैंने अपने करियर के लिए कभी कोई रोड मैप तैयार नहीं किया, जो मन में आया वही किया।
मैं किसी किरदार की कोई तैयारी नहीं करती। निर्देशक के हिसाब से मैं खुद को ढाल लेती हूं।
मैं कभी परफेक्शन के पीछे नहीं भागी।
आशा ने कहा, ‘हां! नासिर साहब ही एकमात्र ऐसे पुरुष थे जिनसे मैंने प्यार किया’
मुझे लगता है थोड़ा सा इंपरफेक्शन अच्छा है। थोड़ी गलतियां करना सही है क्योंकि ये आपको रियल बनाती हैं। इनके जरिए आप खुद को बाकी चीजों से रिलेट कर सकते हो।
किसी को बॉडी शेम करना, उसकी बॉडी का मजाक उड़ाना सही नहीं क्योंकि आप नहीं जानते कि वो किस मुश्किल से गुजर रहा है। बचपन में मैं खूब मोटी थी लेकिन मैंने कभी खुद को ये महसूस नहीं करने दिया कि मोटी होने की वजह से मैं दूसरों से अलग हूं।
अगर असल जिंदगी में पत्रकार होती तो स्पोर्ट्स का फील्ड चुनती।
कभी किम कार्दशियन का इंटरव्यू करना चाहूंगी और जानना चाहूंगी कि उन्होंने अपना इतना बड़ा साम्राज्य कैसे बनाया ?
शादी करने के लिए पैरेंट्स की तरफ से कोई प्रेशर नहीं है। जब करूंगी तो बता दूंगी।
शादी करने के लिए पैरेंट्स की तरफ से कोई प्रेशर नहीं है। जब करूंगी तो बता दूंगी।