ओटावा, ओटावा में हजारों की संख्या में पहुंचे ट्रक ड्राइवरों की वजह से यहां के मेयर जिम वाटसन ने इमरजेंसी लगाने की घोषणा की है। यहां पर पहुंचे ट्रक ड्राइवर सरकार के उस आदेश का विरोध कर रहे हैं जिनमें अमेरिका की सीमा में जाने वाले सभी ड्राइवरों को कोरोना रोधी टीके की खुराक लेनी जरूरी की गई है। ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि सरकार इस तरह के आदेश को जारी कर उनके साथ अन्याय कर रही है। उनकी मांग है कि सरकार को इस आदेश को वापस लेना चाहिए।
आपको बता दें कि पिछले सप्ताह ओटावा में घुसे ट्रक डाइवरों की वजह से हाइवे पर लंबा जाम लग गया था। हजारों ट्रक इस मार्ग पर अब भी मौजूद हैं। कनाडा की सरकार का कहना है कि कोरोना की मौजूदा लहर को देखते हुए इस तरह का आदेश दिया गया है। इससे लोगों की जान बचाई जा सकती है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि अमेरिका में इस दौरान कोरोना के एक दिन में दस लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। इसको देखते हुए भी इस तरह का आदेश दिया गया है।
ओटावा प्रशासन का कहना है कि आपातकाल की घोषणा करना इस बात का सीधा संकेत दे रहा है कि सरकार को किसी तरह के खतरे का आभास हो रहा है और सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पहले ही इसको देखते हुए किसी अज्ञात और सुरक्षित स्थान पर जा चुके हैं। ओटावा में विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे ट्रक ड्राइवरों की वजह से यहां पर रहने वाले लोगों की सुरक्षा पर संकट के बाद मंडराते दिखाई दे रहे हैं। प्रशासन की तरफ से यहां तक कहा गया है कि विरोध प्रदर्शन की वजह से उन्हें न्यायपालिका सरकार के अन्य विभागों से सपोर्ट की दरकार है।
एक प्रेस रिलीज के माध्यम से बताया गया है कि आपातकाल लागू करने के बाद प्रशासन को जरूरी सेवाओं को जारी रखने और अन्य जरूरी कदम उठाने के अधिकार मिल जाएंगे। इसकी वजह से फ्रंटलाइन वर्कर्स भी जरूरी चीजों को खरीद सकेंगे। इससे पहले रविवार को वाटसन ने कहा था कि ट्रक ड्राइवरों का जारी विरोध प्रदर्शन आपराधिक व्यवहार की पराकाष्ठा है। वाटसन ने यहां तक कहा था कि इस विरोध प्रदर्शन की वजह से कई तरह की सेवाएं बाधित हो गई हैं। स्थानीय व्यवसायियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उनके मुताबिक हालात पूरी तरह से बेकाबू हो गए हैं। उन्होंने उन लोगों के बयानों पर भी कड़ी आपत्ति जताई जिन्होंने ट्रक ड्राइवरों के इस प्रदर्शन को एक बड़ी पार्टी बताया था। उन्होंने कहा कि ये एक भद्दा मजाक है। हालांकि अब तक जारी ये विरोध प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा है। वहीं दूसरी तरफ इससे जुड़ी दर्जनों आपराधिक जांच भी शुरू कर दी गई है। इस संबंध में सात लोगों को अब तक हिरासत में लिया जा चुका है।