अहमदाबाद, गुजरात में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की सरकार ने अपने 121 दिन के कार्यकाल को सुशासन के 121 दिन के रूप में मनाते हुए आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लिया। मुख्यमंत्री ने गुजरात में सितंबर 2022 तक हर घर तक नल से जल पहुंचाने की भी घोषणा की है। गुजरात के 6 जिलों में आणंद, बोटाद, गांधीनगर, मेहसाणा, पोरबंदर तथा वड़ोदरा में सौ फीसदी नल से जल की सुविधा शुरू हो चुकी है।
31 जनवरी तक छह और जिले डांग मोरबी गिर सोमनाथ जूनागढ़ जामनगर तथा कच्छ में भी हर घर तक नल से जल पहुंचा दिया जाएगा। गांधीनगर में आयोजित सुशासन के 121 दिन समारोह में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल राजस्व एवं कानून मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी शिक्षा मंत्री जीतू वाघाणी आदि ने ‘सुशासन के 121 दिन’ पुस्तिका का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने समारोह में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह ने गुड गवर्नेंस तथा सुशासन का जो मार्ग प्रशस्त किया है उनकी टीम गुजरात में इस लक्ष्य को और आगे बढ़ाते हुए चौतरफा विकास करेगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के खेती किसानी बहुल सौराष्ट्र इलाके में बरसात के कारण किसानों को जो नुकसान हुआ उसके मुआवजे के रूप में सरकार अब तक 2 चरणों में 1000 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान कर चुकी है।
प्रदेश के 1530 गांवों के 500000 से भी अधिक किसानों को यह सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है इसके अलावा तूफान से प्रभावित मछुआरों को 265 करोड़ की साईं का राशि उपलब्ध कराई गई। मुख्यमंत्री ने किसानों से प्राकृतिक खेती जीरो बजट खेती को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि इसके उपायों और कार्यों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे राज्य के 200000 किसान प्राकृतिक खेती अपना रहे हैं।
डांग जिला प्रदेश का ऐसा जिला बन गया है जो पूरी तरह प्राकृतिक खेती अपना रहा है यहां के हजारों किसान प्राकृतिक खेती के जरिए कम खर्च में अधिक उत्पादन ले रहे हैं सरकार इस को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण स्तर पर किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि शिविर गुणवत्ता जांच लेबोरेटरी मास्टर ट्रेनर सुविधा किसानों को प्राकृतिक जीरो बजट खेती की प्रक्रिया एवं लाभ बताने के लिए अन्य कई कार्यक्रम भी किए जाएंगे।