जाने-माने मलयाली फिल्मनिर्माता अली अकबर (Ali Akbar) विधिवत रूप से हिंदू धर्म अपना चुके है। गुरुवार (13 जनवरी 2022) को उन्होंने पत्नी लुसिम्मा के साथ सनातन धर्म ग्रहण कर लिया है। अब वे राम सिम्हन के नाम से पहचाने जाने वाले थे। केरल के इस फिल्मकार ने दिसंबर 2021 में तब घर वापसी की घोषणा की थी, जब मजहबी कट्टरपंथियों ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने के उपरांत खुशी की प्रतीक्षा भी की थी।
अली अकबर और लुसिम्मा की कुछ फोटोज वायरल होने लगी है। जिनमे शुद्धिकरण समारोह के बीच दोनों के हवन कुंड के पास बैठे और आहुति डालते हुए दिखाई दे रहे है। इस बीच अली अकबर श्वेत वेशती में अपने कंधों पर भगवा अंगवस्त्र डाले और जनेऊ पहने हुए भी नज़ए आए। अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद और हिन्दू सेवा केन्द्रम के नेता प्रतीश विश्वनाथ ने फेसबुक पर इसके बारे में कहा है।
अली अकबर की पूजा करते हुए तस्वीर साझा करते हुए प्रतीश विश्वनाथ ने लिख दिया है, “इतिहास खुद को दोहरा रहा है। अली अकबर रामसिम्हन के रूप में।” साथ ही प्रतीश ने हैशटैग के रूप में #GharWapasi (घर वापसी) लिख दिया है।
अली अकबर के नए नामकरण के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी भी कही जा रही है। बोला जा रहा है तकरीबन 8 दशक पहले मालाबार में इसी तरह एक व्यक्ति ने इस्लाम त्याग कर अपना नाम राम सिम्हन कर लिया है। जिसके उपरांत मजहबी भीड़ ने ईशनिंदा का इल्जाम लगाते हुए उस व्यक्ति के घर पर हमला भी कर दिया था। राम सिम्हन और उनके भाई का कत्ल कर दिया है। उनके परिवार के अन्य सदस्यों को जबरन उठाकर भीड़ अज्ञात स्थान पर ले गई थी। देश की स्वतंत्रता से कुछ सप्ताह पूर्व ही इस घटना को अंजाम दे दिया गया था।
गौरतलब है कि हेलिकॉप्टर दुर्घटना के उपरांत अली अकबर ने फेसबुक लाइव कर इस्लाम के परित्याग करने का एलान कर दिया है। उन्होंने बोला था, “यह स्वीकार नहीं करने वाले है। इसलिए मैं अपना धर्म छोड़ रहा हूँ, न मेरा और न ही मेरे परिवार का कोई और धर्म है।” उन्होंने लाइव आते हुए बोला था कि, “मैं उन कपड़ों का एक टुकड़ा फेंक रहा हूँ, जिनके साथ मैं पैदा हुआ था।” दरअसल, जब फिल्म निर्देशक ने सीडीएस रावत की वीरगति पर लाइव वीडियो बनाना शुरू किया तो कट्टर इस्लामियों ने उनके वीडियो पर हजारों की तादाद में लॉफिंग की इमोजी लगाकर इसका मजाक भी उड़ा दिया गया है, जिससे उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है। उनके इस ऐलान के उपरांत प्रतीश विश्वनाथ ने बोला था कि इस्लाम की वर्तमान पीढ़ी को देखकर बहुत अच्छा लग रहा है। जिनके पूर्वजों को बलपूर्वक परिवर्तित किया गया था, वे वापस जड़ों की ओर आ रहे हैं।