भागलपुर। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आइटी) के करीब आधा दर्जन विद्यार्थियों ने नौकरी के लिए कैंपस सलेक्शन में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है। ये विद्यार्थी (सत्र : 2018-22) के हैं। विद्यार्थियों ने संस्थान को लिखकर दिया है कि वे लोग उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। इस कारण उनकी रुचि कैंपस सलेक्शन में नहीं है।
निदेशक प्रो. अरविंद चौबे ने कहा कि कुछ छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, इस कारण उनकी मांगें मंजूर कर ली गई है। वैसे कैंपस सलेक्शन के लिए जाना उनका निर्णय होता है।
तीन ब्रांच के हैं विद्यार्थी
निदेशक ने कहा कि संस्थान के पहले बैच में शत प्रतिशत विद्यार्थियों का बेहतर कंपनियों में चयन हुआ था। ये लोग (सत्र : 2017-21) के थे। कुल 67 विद्यार्थियों का चयन हो गया था। दूसरे बैच में सौ विद्यार्थी हैं। इसमें 12 विद्यार्थी मेकाट्रानिक्स, 39 विद्यार्थी इलेक्ट्रानिक्स कम्यूनिकेशन एंड इंजीनियङ्क्षरग (इसीई) और 49 विद्यार्थी कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियङ्क्षरग (सीएसई) के हैं। सौ में से 80 प्रतिशत विद्यार्थियों का चयन बेहतर कंपनियों में हो चुका है। इसमें से कई ऐसे विद्यार्थी हैं, जिनका दो-दो कंपनी में चयन हुआ है।
कुछ छात्रों का मानक अनुसार नहीं है सीजीपीए
आधा दर्जन विद्यार्थियों के अलावा कुछ विद्यार्थियों का सीजीपीए कैंपस सलेक्शन में हिस्सा लेने के लिए तय मानक से काफी कम है। इस कारण ऐसे विद्यार्थी कैंपस सलेक्शन में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। संस्थान की तरफ से ही उन लोगों को सलेक्शन में हिस्सा लेने से रोका गया है।
दरअसल, संस्थान द्वारा औसत सलाना पैकज तय कर दिया गया है। तय पैकेज से कम पर विद्यार्थियों को चुनने वाली कंपनियों को कैंपस सलेक्शन में हिस्सा नहीं लेने दिया जाता है। इस कारण जो कंपनियां संस्थान में आती हैं, वे अपना मानक तय कर देते हैं।
कुछ विद्यार्थियों ने लिखित रूप से कैंपस सलेक्शन में हिस्सा नहीं लेने की जानकारी दी है। वे लोग उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। बाकी कुछ विद्यार्थियों के मानक अनुसार नंबर नहीं हैं। ऐसे करीब 11 विद्यार्थी हैं। – प्रो. अरङ्क्षवद चौबे, निदेशक ट्रिपल आइटी