प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को गोरखपुर की रैली से ‘लाल टोपी’ वालों को ‘खतरे की घंटी’ बताकर यूपी की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भारतीय जनता पार्टी के इस हमले को अपने पक्ष करने की कोशिशों में लग गए हैं। पहले उन्होंने इसे भाजपा के लिए महंगाई को रेड अलर्ट करार दिया। अब बुधवार को उन्होंने कहा है कि भाजपा की यह कोई नई भाषा नहीं है। यूपी के मुख्यमंत्री ने भी पहले ‘लाल टोपी’ की बात कही थी। लाल भावनाओं का रंग है और भावनाओं को नहीं समझती।
संसद की कार्यवाही में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि लाल टोपी के लाल रंग के कारण ही जीवन का अस्तित्व है। रक्त का रंग कैसा होता है? उन्होंने कहा कि लाल क्रांति का और परिवर्तन का रंग है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि यूपी की जनता विकास जानना चाहती है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों का विरोध अब जारी है। प्रदर्शन के दौरान उनकी मौत तक हो गई। क्या सरकार उनकी भावनाओं को समझ पाई? उन्होंने कहा कि सांसद धरने पर बैठे हैं। क्या सरकार उनकी भावनाओं को समझ सकती है? भाजपा भावनाओं को नहीं समझ सकती। इसे यूपी से बेदखल किया जा रहा है। वर्ष 20222 में यूपी में बदलाव होगा।
इससे पहले मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा था कि भाजपा के लिए रेड अलर्ट है महंगाई का, बेरोजगारी-बेकारी का, किसान-मजदूर की बदहाली का, हाथरस, लखीमपुर खीरी, महिला व युवा उत्पीड़न का, बर्बाद शिक्षा, व्यापार व स्वास्थ्य का और ‘लाल टोपी’ का, क्योंकि वो ही इस बार भाजपा को सत्ता से बाहर करेगी। लाल का इंकलाब होगा, बाइस में बदलाव होगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को गोरखपुर में खाद कारखाना और एम्स का लोकार्पण करने के बाद जनसभा में समाजवादी पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि ‘लोहिया व जय प्रकाश नारायण के आदर्शों को, इन महापुरुषों के अनुशासन को ये लोग कब के छोड़ चुके हैं। आज पूरा यूपी भली-भांति जानता है कि लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से मतलब रहा है, जनता की दुख-तकलीफ से नहीं। लाल टोपी वालों को सत्ता चाहिए, घोटालों और अपनी तिजोरी भरने के लिए, अवैध कब्जों व माफिया को खुली छूट देने के लिए। लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने के लिए, आतंकियों को जेल से छुड़ाने के लिए। इसलिए, याद रखिए कि लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं यानी खतरे की घंटी।’