नैनीताल, उत्तराखंड में मौसम ने पर्यटकों को इस बार कभी न भूलने वाला जख्म दिया है। प्रदेश में दो अलग-अलग स्थानों पर टैकिंग के लिए गए दस पर्यटकों की मौत हो गई है। जबकि 25 लापता बताए जा रहे हैं। पर्यटकों को रेस्क्यू करने का अभियान सेना ने जारी रखा है। बागेश्वर जिले के सुदंरढूंगा घाटी में ट्रैक पर गए बंगाल के छह ट्रैकरों में पांच की मौत हो गई है तो एक अब भी लापता है। वहीं उत्तरकाशी जिले में हर्षिल से लम्खागा पास होते हुए हिमाचल प्रदेश स्थित छितकुल की ट्रैकिंग पर गए 17 सदस्यीय दल में पांच ट्रैकरों की मौत हो गई है। जिनमें एक पर्यटक दिल्ली और अन्य बंगाल के बताए जा रहे हैं। एक बीमार ट्रैकर को हर्षिल पहुंचाया गया है, जबकि पोर्टर को सेना ने अपने कैंप में रखा है। लापता चार अन्य सदस्यों की खोज जारी है। वहीं कफनी ग्लेशियर की तरफ गए 20 ग्रामीण लापता बताए जा रहे हैं। उनका कुछ पता नहीं चल सका है।
सुंदरढूंगा में ट्रैकरों की मौत, एक लापता
बागेश्वर जिले के सुंदरढूंगा घाटी में ट्रैकिंग के लिए स्थानीय पोर्टरों के साथ बंगाल के पोर्टर गए थे। पांच ट्रैकरों की भारी बारिश की चपेट में आने से मौत हो गई। उनका एक साथी अब भी लापता है। वहीं, पिंडारी से द्वाली लौटे 42 पर्यटक समेत स्थानीय लोगों को हेलीकाप्टर से खरकिया लाया गया है। 15 सितंबर से पिंडारी, कफनी और सुंदरढूंगा की साहसिक यात्रा शुरू होती है। इस बार मौसम देर से साफ हुआ। इस कारण 11 अक्टूबर को सुंदरढूंगा की तरफ छह ट्रैकर रवाना हुए। उनके साथ बतौर पोर्टर गए सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पांच ट्रैकरों की मौत हो गई। एक साथी अब भी लापता है।
छितकुल ट्रैक पर पांच पर्यटकों की मौत
14 अक्टूबर को 17 सदस्यीय ट्रैकर्स का दल हर्षिल से हिमाचल प्रदेश स्थित छितकुल की ट्रैकिंग के लिए रवाना हुआ था। इनमें छह पोर्टर थे। रसोइयों से विवाद होने पर सभी पोर्टर 16 अक्टूबर को लौट आए थे। जो 17 की रात छितकुल पहुंचे। दल के बाकी 11 सदस्य तभी से लापता हैं। गुरुवार को सेना के तीन हेलीकॉप्टरों से रेस्क्यू अभियान चलाया गया। जिनमें एक बीमार ट्रैकर को हर्षिल रेस्क्यू किया गया। जबकि एक गाइड को एसडीआरएफ ने अपने कैंप में रखा है। उसे आज रेस्क्यू किया जाएगा। वहीं महिला समेत पांच टैकरों के शव बरामद हो चुके हैं। चार की तलाश जारी है।
कफनी ग्लेशियर की ओर गए 20 ग्रामीण लापता
कफनी ग्लेशियर की तरफ गए स्थानीय 20 ग्रामीणों का पता नहीं चल सका है। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि सुंदरढूंगा क्षेत्र में अभी बचाव कार्य नहीं शुरू हो सका है। पांच ट्रैकरों की मौत की सूचना है। रेस्क्यू के बाद ही उनके नाम और स्थान का पता चल सकेगा। जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि सुंदरढूंगा क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। लेकिन अभी तक वहां से कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है।