वाराणसी के उत्कर्ष श्रीवास्तव की रुचि नुक्कड़ नाटक से लेकर मंच पर नाटकों के मनचन तक व्याप्त थी | अपने सपनों को अंजाम देने के लिए ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद मबुंई का रुख किया | यह पछू ने पर की आपकी अपनी अभी तक की उपलब्धियों के बारे में क्या कहना है, वह जवाब देते है-
“अभी तो हम राह-ऐ -गजुर में है, जाने पैग़ाम क्या होगा
अभी तो इम्तीहान की शुरुआत है, देखते है अंजाम क्या होगा”
नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा और देश के कई चर्चित निर्देशकों के साथ काम करने के पश्च्यात इन्होने मबुंई का रुख किया और वहा भी रंगमंच और फील्मों से जुड़े रहे| फिल्म “The Brittle Thread” या “झीनी बीनी चदरिया” जिसमे उत्कर्ष बाबा नामक किरदार को दर्शा रहे है जो की वाराणसी का ही एक नाविक है| रितेश शर्मा द्वारा निर्देशित ये फील्म इफ्फी गोवा में अपना परचम फहराने के उपरांत टिफ्फ के वर्ल्ड प्रीमियर में भी अपना और देश का परचम बलुदं किए हुए है | इस पर उत्कर्ष जी का कहना है सभी फिल्मो की अपनी एक जर्नी होती है वैसे ही इसने भी अपनी जर्नी पूरी करनी है लेकिन मुझे और इस फिल्म से जुड़े सभी लोगो को इससे बहुत उम्मीदे है|
फिल्म के प्रीलमयर का समय सारांश कुछ यू है-
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इसके बाद उन्होंने बतया की आने वाली बहुचर्चित वेब सीरीज रक्तांचल-२ में भी उत्कर्ष को मुख्य किरदार निभाते देखा जा सकता है | हम भी आने वाले समय में भारत के एक उभरते हुए सितारे को अपनी चमक और निखारते हुए देखना चाहेंगे | ख़ैर उन्हें हम उनकी फिल्म “The Brittle Thread” के लिए ढेरों बधाईयाँ देते है | और आपको उत्कर्ष जी के कुछ शब्दों के साथ छोड़े जाते है –
टोक्यो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (TIFF) चयनित “THE BRITTLE THREAD” के मुख्य अभिनेता उत्कर्ष श्रीवास्तव से एक मुलाकात
“अभी न पर्दा गिराओ ठहरो
के दस्ता आगे और भी है
अभी न पर्दा गिराओ ठहरो
की अभी किरदार और भी है”