भारत के कई राज्यों से बाइकर्स के दल ने 1300 किमी का सफर तय किया और आजाद तिरंगा यात्रा के जरिए रास्ते में देश भक्ति का संदेश दिया। इस दल में कानपुर के भी आठ बाइकर्स शामिल रहे, अब इस दल ने यात्रा को गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड और लिम्का बुक रिकार्ड के लिए भेजा है। बाइकर्स दल ने सेना के कार्यक्रमों में शामिल होकर शहीद वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी और भारत माता के जयकारे लगाये।
आजाद बाइकर्स के नाम से उप्र, गुजरात, असम, महाराष्ट्र के 40 सदस्यीय दल में शहर के आठ युवा भी शमिल हुए। इसमें आठ बुलेट सवारों ने पांच दिन में 1300 किमी का सफर तय किया। आजाद तिरंगा यात्रा के जरिए लद्दाख तक पहाड़ी के दुर्गम रास्तों पर तिरंगा लेकर युवाओं की टोली ने देश भक्ति का संदेश दिया। दल में कानपुर के अंबुज पाठक के साथ सिद्धांत गौर, मोहम्मद फैजल, करन सिंह, हर्षित बेरीबाल, नवनीत श्रीवास्तव, सुनित मुखर्जी व तीरज यादव शामिल रहे। उन्होंने बताया कि पांच दिनों 1300 किमी का सफर बाइक से कारगिल स्थित ग्रास मेमोरियल पर तिरंगा फहराकर यात्रा का समापन किया।
40 बाइकर्स का दल जहां से गुजरता वहां भारत माता की जयकार की गूंज सुनाई देती। कारगिल के साथ लद्दाख के कई रास्तों पर भी तिरंगा लहराकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। लद्दाख व कारगिल के कई दुर्गम रास्तों पर सफर को पूरा किया। कई सेना के कैंप में भी उन्होंने प्रवास किया। आजाद तिरंगा यात्रा में शामिल होकर दुर्गम सफर तय करने वाले कानपुर के आठ युवा पहले बाइकर्स बन गए हैं। टीम को लीड करने वाले घंटाघर निवासी अंबुज ने बताया कि रास्ते में आर्मी कैंप में रुककर कई कार्यक्रमों में शामिल हुए। इस यात्रा को गिनीज और लिंका बुक रिकार्ड में नामांकन के लिए भेजा है।
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