नई दिल्ली: हरियाणा के विभिन्न जिलों के अर्धसैनिक बलों और पुलिसकर्मियों के सैकड़ों जवानों को करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के निर्वाचन क्षेत्र में किसान आंदोलन को देखते हुए तैनात किया गया है। किसान संय़ुक्त मोर्चा ने करनाल लाठीचार्ज के विरोध में आज यहां पर महापंचायत बुलाई है। वहीं, किसानों ने महापंचायत के बाद करनाल में मिनी सचिवालय को घेरने का ऐलान किया है।
किसान महापंचायत को देखते हुए प्रशासन ने करनाल में धारा 144 लागू की है और करनाल समेत पांच जिलों में इंटरनेट सेवा भी सस्पेंड कर दी है। आज रात बारह बजे तक करनाल औऱ आसपास के जिलों में इंटरनेट और Sms सेवा सस्पेंड की गई है।
किसानों ने 28 अगस्त को अपने खिलाफ लाठीचार्ज के विरोध में करनाल मिनी सचिवालय का घेराव करने का भी फैसला किया है। प्रशासन ने अर्धसैनिक बलों की 40 कंपनियां तैनात कर ट्रैफिक डायवर्ट कर करनाल के हर नुक्कड़ पर बैरिकेडिंग कर किसानों को समझा दिया है कि उन्हें मिनी सचिवालय का घेराव नहीं करने दिया जाएगा। 5 एसपी, 25 डीएसपी सहित अर्धसैनिक बल की 40 कंपनियां तैनात की गई है। प्रशासन ने कहा है कि किसी भी कीमत पर कानून-व्यवस्था खराब नहीं होने देंगे।
करनाल में पिछले 24 घंटों में अर्धसैनिक बल के जवान इकट्ठा हुए और प्रशासन ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को करनाल अनाज मंडी की बैरिकेडिंग की निगरानी के लिए तैनात किया, जहां किसानों की सुबह 10 बजे बैठक होनी है।
सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे अधिकारियों के अनुसार, प्रशासन किसानों को मिनी सचिवालय का घेराव करने की अनुमति नहीं देगा, जो अनाज मंडी से लगभग 5 किमी दूर है। एसकेएम नेताओं ने कहा है कि अगर पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वे मिनी सचिवालय के रास्ते में बैरिकेड्स तोड़ देंगे।
किसान समूहों में एकत्रित हों
एसकेएम नेताओं ने किसानों को समूहों में इकट्ठा होने के लिए कहा है और आसपास के जिलों के लोगों से अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली लाने का अनुरोध किया है। हरियाणा भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के प्रमुख गुरनाम सिंह चारुनी ने किसानों से कहा, ”हम किसानों से समूहों में आने, पुलिस के साथ किसी भी टकराव से बचने और शांतिपूर्वक बैरिकेड्स पार करने का अनुरोध करते हैं। यहां तक कि अगर पुलिस आपको मारती है, तो प्रतिक्रिया न करें।”