जिनेवा,- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में चार में से एक व्यक्ति के पास अपने घरों में सुरक्षित रूप से पीने के पानी की कमी रही। इसके अलावा दुनिया की लगभग आधी आबादी के पास सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता की कमी थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस( WHO Director-General Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने इस दौरान कहा कि कोरोना और अन्य संक्रामक रोगों के प्रसार को रोकने के लिए हाथ धोना सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है, लेकिन फिर भी दुनियाभर में लाखों लोगों के पास स्वच्छ पानी की पहुंच नहीं है।
इसके साथ ही टेड्रोस ने जारी की गई रिपोर्ट में तुरंत स्वच्छ पानी की आवश्कता पर प्रकाश डाला ताकी लोग हाथ साफ कर सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी की शुरुआत में दुनियाभर में 10 में से 3 लोग अपने घरों में साबुन और पानी से हाथ नहीं धो सकते थे क्योंकि उनके पास स्वच्छ पानी नहीं था।
यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर(UNICEF Executive Director Henrietta Fore) ने बताया कि महामारी से पहले भी लाखों बच्चे और परिवार स्वच्छ पानी, सुरक्षित स्वच्छता और हाथ धोने में असमर्थ थे। जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 और 2020 के बीच घरों में सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल वाली वैश्विक आबादी 70 फीसद से बढ़कर 74 फीसद हो गई। वहीं सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता सेवाएं 47 फीसद से बढ़कर 54 फीसद हो गई थी। इस दौरान साबुन और पानी से हाथ धोने की सुविधा 67 फीसद से बढ़ाकर 71 फीसद हो गई। प्रगति के बावजूद यह पर्याप्त नहीं है।
जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि उप-सहारा अफ्रीका दुनिया में सबसे धीमी प्रगति कर रहा है। इसके साथ ही स्वच्छता के क्षेत्र में निवेश की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए चेतावनी दी है कि 2020 तक दुनियभर में अरबों लोग सुरक्षित रूप से प्रबंधित घरेलू पेयजल, स्वच्छता सेवाओं तक पहुंच नहीं पाएंगे। जब तक प्रगति की दर चौगुनी नहीं हो जाती है। इस साथ डबल्यूएचओ प्रमुख ने कहा अगर हम इस महामारी को खत्म करना चाहते हैं तो स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाना होगा।