दिल्ली के बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन के आज 100 दिन पूरे हो गए. सौ दिन पूरे होने पर शनिवार को केएमपी (कुंडली मानेसर पलवल) एक्सप्रेसवे की 5 घंटे की नाकाबंदी के साथ साथ किसान इसे काला दिवस के रूप में मनाएंगे. डासना, दुहाई, बागपत, दादरी,ग्रेटर नोएडा पर किसान चक्का जाम करेंगे. किसान काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराएंगे. टोल प्लाजा भी फ्री किये जाएंगे. वहीं किसानों के इस प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
मुजफ्फरनगर में आज किसानों की ट्रैक्टर रैली होनी है. इसमें किसान नेता राकेत टिकैत हिस्सा लेंगे. कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर रैली रामराज से चलेगी.
किसान नेता धीरज सिंह ने कहा, “हमारा विरोध शांतिपूर्ण होगा और किसी भी व्यक्ति या संपत्ति को कोई नुकसान नहीं होगा. केएमपी एक्सप्रेसवे पर चक्का जाम सुबह 11 बजे शुरू होगा और 3 बजे तक खत्म हो जाएगा. यह उन तीन कृषि बिलों के विरोध का प्रतीक है जो हम चाहते हैं कि निरस्त किया जाए.”
दिल्ली बॉर्डर के साथ साथ मध्य प्रदेश के छतरपुर में भी 87 दिनों से किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी है. पुलिस प्रशासन ने अब तक उन्हें न तो टेंट लगाने की अनुमति दी ही और न ही कोई अन्य सहायता प्रदान की. यहां 3 और 4 मार्च को महापंचायत आयोजित की गई जिसके बाद टेंट लगाने की अनुमति दी गई है.
किसानों का आंदोलन शनिवार को 100वें दिन में प्रवेश कर रहा है. किसान संगठनों ने अपने 100वें दिन के विरोध प्रदर्शन को दर्ज कराने के लिए कुंडल मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे को जाम करने की योजना बनाई है. अब तक, सरकार के साथ हुई सभी बैठकें और बातचीत निरर्थक रहीं हैं. किसान संगठन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं.