उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 जयंती के मौके पर कहा कि राष्ट्रवाद का मतलब केवल ‘जय हिंद’ कहना या ‘जन गण मन’ गाना नहीं है. ‘जय हिंद’ का मतलब है सभी भारतीयों की जय और यह तभी संभव है जब सभी का ख्याल रखा जाए. सभी के पास खाने के लिए खाना हो और पहनने के लिए कपड़े. किसी को भी भेदभाव का सामना ना करना पड़े.
उप राष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्रता से नेताजी का मतलब केवल राजनीतिक बंधन से मुक्ति नहीं था. उनके लिए आजादी का मतलब था कि संपत्ति का समान अधिकार हर किसी के पास हो. जातिगत भेदभाव और सामाजिक बंदिशें ना हों. सांप्रदायिक और धार्मिक असहिष्णुता खत्म हो. सभी दूसरे धर्मों का सम्मान करते हुए अपने धर्म का पालन करें.
इसके अलावा नायडू ने कहा कि राष्ट्र का मतलब भौगोलिक सीमा नहीं. राष्ट्र में मौजूद सभी का उत्थान ही राष्ट्रवाद है. हमारी सभ्यता शानदार रही है, जहां एक दूसरे का ख्याल रखने की परंपरा रही है. हमारे पूर्वजों ने हमें ‘पूरा विश्व एक परिवार है’ का सिद्धांत दिया था.
नायडू हैदराबाद में तेलंगाना सरकार के एमसीआर मानव संसाधन विकास संस्थान में नेताजी की जयंती पर संबोधित कर रहे थे. ट्विटर पर नायडू ने लिखा, कोई व्यक्ति एक विचार के लिए मर सकता है लेकिन उस व्यक्ति के मरने के बाद उसके विचार हजारों लोगों में जीवित रहते हैं. मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर उन्हें ससम्मान श्रद्धांजलि देता हूं.