गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में आउटर रिंग रोड पर होने वाली किसानों की ट्रैक्टर परेड में हत्या और बवाल करने की साजिश का खुलासा हुआ है। पुलिस की वर्दी पहनकर 60 युवकों को ट्रैक्टर परेड में बवाल करना है और चार लोगों की हत्या भी करनी है। इसके साथ ही तिरंगा भी नीचे गिराने की योजना है ताकि बड़ा बवाल हो जाए। यह पूरा खुलासा कुंडली बॉर्डर पर पकड़े गए एक युवक ने किया है जो मूलरूप से उत्तराखंड का रहने वाला है और अब सोनीपत में रहता है।
उसने करनाल में सीएम मनोहर लाल की रैली के दौरान भी पुलिस की वर्दी पहनकर लाठीचार्ज करने के अलावा जाट आरक्षण आंदोलन में बवाल करने की बात बताई है। उनको निर्देश देने वाला युवक खुद को राई थाने का एसएचओ बताकर मिलता था। किसानों ने कुंडली बॉर्डर से पकड़े गए युवक को पुलिस को सौंप दिया, जिससे पुलिस पूछताछ करके पूरे गिरोह को पकड़ सके।
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, राकेश टिकैत, हरेंद्र सिंह लखोवाल ने बताया कि शुक्रवार शाम को एक युवक कुंडली औद्योगिक क्षेत्र की सड़क के मोड़ पर किसानों से कहने लगा कि यहां लड़कियों के साथ छेड़छाड़ हो रही है। जिससे किसान वहां एकत्र हो गए और उससे पूछा कि किस लड़की के साथ छेड़छाड़ हुई है। वह जवाब नहीं दे सका तो उसपर किसानों को शक हुआ और उसे पकड़ लिया गया। जिसके बाद उसने पूरा मामला बताया कि वह मूलरूप से उत्तराखंड का रहने वाला है और उसका परिवार पिछले 18 साल से सोनीपत में रहता है।
उसको दस हजार रुपये देने की बात कहकर धरनास्थल पर भेजा गया था और उसके समेत आठ युवक व पूजा, सुनीता नाम की दो युवतियां वहां 19 जनवरी से किसानों की रेकी कर रही हैं। उनको लैंडलाइन फोन से निर्देश दिए जाते हैं तो प्रदीप सिंह नाम का युवक खुद को राई थाने का एसएचओ बताकर वर्दी में उनसे कुंडली के पास मिलता है। उनको दस-दस हजार रुपये मिलने थे और उनको केवल यह देखकर बताना था कि किसानों के पास हथियार है या नहीं। इसलिए ही उसने लड़की के साथ छेड़छाड़ होने की बात कही थी कि किसान तुरंत हथियार लेकर आ जाएंगे।
पकड़े गए युवक ने बताया कि उनका काम अभी रेकी करना था तो ट्रैक्टर परेड से पहले यहां 60 युवक आने हैं। वह सभी पुलिस की वर्दी में रहेंगे और उनके पास हथियार भी रहेंगे। वह हथियार उनको कुंडली में 23-26 जनवरी के बीच एक रेस्टोरेंट के पास दिए जाने है। उनको किसान परेड में लाठीचार्ज करने के साथ ही पहले हवाई फायरिंग करनी है और उसके बाद सीधे गोली मारनी है। इसके साथ ही तिरंगा भी गिराने की साजिश रची गई। जिससे वहां बवाल हो जाए और दंगा शुरू हो जाए। किसानों ने युवक का नाम सार्वजनिक करने से इसलिए इंकार कर दिया कि उसके परिवार को जान का खतरा हो सकता है।
धरनास्थल से पकड़े गए युवक ने बताया कि उसे सोनीपत के गीता भवन चौक पर रहने वाले सुमित ने कई साल पहले प्रदीप से मिलवाया था और उसके बाद से वह उनके लिए काम कर रहा है। उसने बताया कि इसके लिए उनको दो बार ट्रेनिंग भी मिली थी कि किस तरह से काम करना है, लेकिन युवकों को ट्रेनिंग अलग-अलग ग्रुप में दी गई थी। उनको कहा जाता था कि यह पंजाब के रहने वाले हमारे दुश्मन है और यह दिल्ली में बवाल करने जाना चाहते है। इसके साथ ही यह कहा जाता था कि यह आंदोलन भी गलत है और इसमें कांग्रेसी लोग शामिल हैं। उस युवक ने बताया कि राठधना गांव के युवकों को फायरिंग के लिए बुलाना था।
युवक ने खुद बताया कि करनाल में कृषि कानूनों के समर्थन में किसान महापंचायत होनी थी। जहां किसानों ने सीएम मनोहर लाल की रैली का विरोध किया था। उस रैली से पहले विरोध कर रहे किसानों पर इस तरह ही पुलिस की वर्दी पहनकर बाहरी युवकों ने लाठीचार्ज किया था। वहीं इसके अलावा जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भी इस तरह ही बवाल किया गया था। इसमें उसने सुमित व प्रदीप के नाम बताए है कि सुमित ने उससे मिलवाया था और प्रदीप यह बवाल कराता है।