पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं तृणमूल कांग्रेस में इस्तीफा देने की रफ्तार भी बढ़ती जा रही है. शुक्रवार को ममता सरकार में वन मंत्री राजीव बनर्जी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा भेज दिया है.
अपने इस्तीफे में राजीव बनर्जी ने लिखा, ‘पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा करना उनके लिए गर्वदायी रहा. वह इस मौके के लिए सभी का धन्यवाद देते हैं’.
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में इसी साल विधानसभा का चुनाव होना है और उससे पहले लगातार तृणमूल कांग्रेस के नेता पद छोड़ रहे हैं. शुभेंदु अधिकारी पहले ही इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में अपनी कमान संभाल चुके हैं.
कुछ दिन पहले ही लक्ष्मी रत्न शुक्ला ने अपना मंत्री पद भी छोड़ दिया था. तृणमूल कांग्रेस के कई विधायक, स्थानीय नेता भी पार्टी का पद छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम चुके हैं.
मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अब राजीव बनर्जी के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं. ऐसा माना जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 30 और 31 जनवरी को बंगाल दौरे पर आ रहे हैं. उस दौरान वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
बता दें कि राजीव बनर्जी लंबे समय से पार्टी से असंतुष्ट थे. पार्टी उन्हें मनाने के लिए कई बैठक भी की थी. मंत्री पार्थ चटर्जी ने उनके साथ तीन बार बैठक की थी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला था. अंततः उन्होंने अपने पत्र से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने ममता बनर्जी को लिखे पत्र में कहा है कि वह बहुत ही खेद के साथ सूचित कर रहे हैं कि वह अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं.
बता दें कि राजीव बनर्जी लगातार मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल नहीं हो रहे थे. शुभेंदु अधुिकारी की तरह ही उनके समर्थन में भी हावड़ा और राज्य के विभिन्न इलाकों मेंं पोस्टर साटे जा रहे थे. उन्हें स्वच्छ नेता बताया जा रहा था. वह पार्टी में प्रशांत किशोर और अभिषेक बनर्जी से नाराज थे और उन्होंने पार्टी में इसके खिलाफ आवाज भी उठाई थी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला था.
इसके पहले मंत्री शुभेंदु अधिकारी और खेल राज्य मंत्री लक्षमी रतन शुक्ला ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. शुभेंदु अधिकारी लगातार ममता बनर्जी और उनके भतीजे एमपी अभिषेक बनर्जी पर हमला बोल रहे हैं. शुभेंदु अधिकारी फिलहाल बीजेपी में शामिल हो गए हैं, लेकिन लक्षमी रतन शुक्ला ने अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है, लेकिन ममता बनर्जी के खिलाफ पार्टी में लगातार असंतोष बढ़ता जा रहा है.