2020 में आतंकवादियों की भर्ती काफी हद तक नियंत्रण में थी, खासकर 2018 की तुलना में। घाटी में आतंकवादियों की वर्तमान संख्या 217 है जो पिछले दशक में सबसे कम है। यह बात सेना के शीर्ष कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कही।
उन्होंने कहा कि ड्रोन और सुरंगों के माध्यम से हथियार और ड्रग्स भेजने की पाकिस्तान की साजिश निश्चित रूप से एक चुनौती है। इससे निपटने के लिए हम सुरंगों का पता लगाने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं।
मुठभेड़ों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक 20-25 विशिष्ट तलाशी अभियानों के दौरान आतंकवादियों के साथ संपर्क स्थापित होता है। तलाशी अभियान के दौरान हम यह सुनिश्चित करते हैं कि स्थानीय लोगों को न्यूनतम असुविधा हो। हमारे सैनिकों को स्थानीय संस्कृति और धार्मिक संवेदनशीलता का सम्मान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि जब हमें पता चलता कि आतंकवादी कहीं फंस गए हैं, तो हम उन्हें विशेष रूप से स्थानीय होने पर आत्मसमर्पण करने के लिए कहते हैं। अगर उनकी पहचान हो जाती है तो हम उनके परिवार के सदस्यों को बुलाते हैं। जब सभी प्रयास विफल हो जाते हैं तो हम उन्हें मारते हैं।
कहा कि घाटी में, पाकिस्तानी आतंकवादी भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षाबलों और नागरिकों को निशाना बनाते हैं। इसके पीछे उनकी साजिश होती है कि हम भी जवाबी कार्रवाई करें और अधिक नागरिक हताहत हों ताकि आतंकी संगठन हमारी छवि को धूमिल कर सकें। आतंकी सगंठन गलत सूचना फैलाने और नई भर्तियों के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं। कहा कि पिछले साल की तुलना में इस बार हम घुसपैठ को 70 फीसदी से कम करने में सक्षम रहे हैं। एलओसी पर हम पूर्ण नियंत्रण में रहते हैं और सभी आकस्मिकताओं के लिए तैयार रहते हैं। वहीं एलएसी की स्थिति के बारे में संबंधित अधिकारियों ने पर्याप्त खुलासे किए हैं।