यूपी एटीएस ने अवैध रूप से भारतीय दस्तावेज बनवाकर संतकबीर नगर के खलीलाबाद में रह रहे बर्मा के एक नागरिक को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए युवक का नाम अजीजुल हक है। वह पहचान बदलकर न सिर्फ यहां रह रहा था बल्कि फर्जी तरीके से ओरिजनल दस्तावेज भी बनवा लिए थे।
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए अजीजुल हक के बारे में यूपी एटीएस को अहम जानकारी मिली थी, जिसके बाद एटीएस ने योजना बनाकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
गिरफ्तार किया गया अजीजुल मूल रूप से बर्मा का रहने वाला है। वह 2001 में बांग्लादेश के रास्ते भारत आया था। प्रशांत कुमार ने अजीजुल हक के कथित पिता बदरे आलम के हवाले से बताया कि मुंबई में अजीजुल हक की मुलाकात खलीलाबाद के रहने वाले बदरे आलम के बेटे इनायत उल्लाह से हुई।
अजीजुल हक ने खुद को अनाथ बताया था, जिसपर इन लोगों को दया आ गई और अपने साथ खलीलाबाद लेते आए। बदरे आलम ने इसका नाम राशन कार्ड पर दर्ज करवा लिया। जिसकी मदद से अजीजुल हक के अन्य दस्तावेज पासपोर्ट और आधार कार्ड बनवा लिए। पूछताछ में पता चला है कि भारत में बनवाए गए पासपोर्ट से दुबई की यात्रा भी कर चुका है।
एडीजी ने बताया कि दस्तावेजों से पता चला कि वह मूल रूप से बर्मा के रखाईन, जिला अक्याब का रहने वाला है। वह संतकबीरनगर में नौरो, बखिरा चमरसन क्षेत्र में रह रहा था। पूछताछ में अजीजुल हक ने बताया है कि 2017 में वह बांग्लादेश के रास्ते बर्मा जाकर अपनी मां आबिदा खातून, बहन फातिमा खातून, दो भाई जियाउल हक और मोहम्मद नूर को भारत ले आया था। एक भाई जियाउल हक नासिक में रहता है जबकि दूसरा भाई मोहम्मद नूर व बहनोई नूर आलम खलीलाबाद आने के बाद से कहीं चले गए। यूपी एटीएस ने मुम्बई एटीएस से भी इस बारे में जानकारी साझा की है।
एटीएस ने खलीलाबाद नगर पालिका के तकनीकी सहायक को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की है। आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेज बनवाने में अजीजुल हक की मदद की। अजीजुल हक के पास से दो पासपोर्ट बरामद किए गए हैं। हालांकि उक्त तकनीकी सहायक के खिलाफ अभी तक पुख्ता सुबूत अब तक नहीं मिले हैं, जिसकी वजह से उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है।
एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि अजीजुल हक के पांच बैंक खातों के बारे में जानकारी हुई है। इन खातों में अलग-अलग जगहों से निजी खातों और फर्म के खातों से पैसे आए हैं। कुछ पैसे विदेशों से भी आए हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। पैसों की छानबीन के दौरान अलीगढ़ के भी एक व्यक्ति के खाते के बारे में पता चला जहां एटीएस की टीम ने पहुंच कर जानकारी जुटाई है।
एटीएस को पड़ताल के दौरान यह भी जानकारी हुई कि कुछ पैसे अलीगढ़ के देल्ही गेट क्षेत्र से भी अीजजुल के एकाउंट में ट्रांसफर किए गए हैं। इसकी तस्दीक करने के लिए एटीएस की एक टीम ने अलीगढ़ में भी छापे मार कर कुछ लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ जारी है।
वहीं सूत्रों का कहना है कि अजीजुल रोहिंग्यों के लिए चंदा भी इकट्ठा कर रहा था। हालांकि लॉकडाउन के बाद से उसे चंदा मिलना भी लगभग बंद हो गया था।
एडीजी ने बताया कि अब तक जो भी जानकारी मिली है उसके आधार पर विभिन्न जिलों में दबिशें दी जा रही हैं। जांच में अन्य राज्यों से भी जानकारी साझा की जा रही है और उनके सहयोग से पड़ताल को आगे बढ़ाया जा रहा है। कई संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है।
एटीएस ने अीजुल हक के पास से दो पासपोर्ट, तीन आधार कार्ड, 1 पैन कार्ड, 3 डेबिट कार्ड, 1 म्यांमार का राशन कार्ड और पांच बैंकों की पासबुक बरामद की है।